राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश के गांवों में छह घंटे बिजली कटौती का आदेश प्रभावी होने के बाद ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई हैं। गांवों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। वहीं, सात उत्पादन इकाइयों को बिजली की मांग कम होने का हवाला देते हुए 15 जुलाई तक बंद कर दिया गया है। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस विरोधाभासी स्थिति पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
15 जुलाई तक बंद रखा जाएगा
पावर कारपोरेशन की यूपीएसएलडीसी ने सोमवार को प्रदेश में बिजली की कम मांग को आधार बनाते हुए रिजर्व शटडाउन लेने की बात कही है। स्पष्ट है कि प्रदेश की छह उत्पादन इकाइयां पहले से ही रिजर्व शटडाउन में थी, मंगलवार से हरदुआगंज एक्सटेंशन (660 मेगावाट क्षमता) को भी 15 जुलाई तक बंद रखा जाएगा।
टांडा की 110 मेगावाट की चार इकाई, हरदुआगंज की 105 मेगावाट की इकाई और हरदुआगंज की ही 250 मेगावाट की एक और इकाई को पहले ही रिजर्व शटडाउन दिया गया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि 10 जुलाई को यूपीएसएलडीसी और यूपीपीटीसीएल की आम जनता की सुनवाई में इस मामले को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है, यह चिंता की बात है।