Agriculture In UP : खाद की रिकार्ड खपत के बाद भी खरीफ ने छुड़ाया पसीना, रबी के इंतजाम में अभी से जुटी सरकार
Agriculture In UP रबी फसलों के रकबे में इस बार चार लाख हेक्टेयर की वृद्धि की जानी है। इसके लिए फिलहाल यूरिया सहित 68.86 लाख टन उर्वरक की जरूरत का आकलन किया गया है जो कि खरीफ में अब तक हुई खपत से कहीं ज्यादा है। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
दिलीप शर्मा, जागरण, लखनऊ : चालू खरीफ सीजन ने राज्य सरकार का पसीना छुड़ा रखा है। खाद की रिकार्ड खपत हो चुकी है, परंतु मांग है कि कम ही नहीं हो रही। ताजा संकट से निपटने को तो कृषि मंत्री दिल्ली तक की दौड़ लगा ही रहे हैं, रबी सीजन में भी इस तरह की स्थिति न बने, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
रबी फसलों के रकबे में इस बार चार लाख हेक्टेयर की वृद्धि की जानी है। इसके लिए फिलहाल यूरिया सहित 68.86 लाख टन उर्वरक की जरूरत का आकलन किया गया है, जो कि खरीफ में अब तक हुई खपत से कहीं ज्यादा है। ऐसे में राज्य सरकार पर्याप्त आपूर्ति के लिए अभी केंद्र के साथ समन्वय बना रही है। यह कोशिश इसलिए भी है, क्योंकि अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को देखते हुए सरकार उर्वरक संकट का जोखिम नहीं चाहती।
प्रदेश में इस बार खरीफ सीजन की शुरुआत से ही उर्वरक की कमी, विशेषकर यूरिया को लेकर समस्या बनी हुई है। 20 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार 31.62 लाख टन से ज्यादा यूरिया का वितरण किया जा चुका था, जबकि इसी अवधि में पिछले सीजन में 27.25 टन यूरिया का वितरण हुआ था। इस हिसाब खपत में चार लाख टन से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है।
पिछले सीजन में 5.28 लाख टन डीएपी की बिक्री हुई थी, जो इस बार 5.38 लाख टन हो चुकी है। एनपीके के वितरण में यह आंकड़ा 2.07 लाख टन के मुकाबले 2.39 लाख तक पहुंच चुका है। आपूर्ति को बनाए रखने के लिए कृषि मंत्री जुलाई माह में केंद्रीय उर्वरक मंत्री से मिले थे।
एक माह बाद भी बरकरार रहने पर कृषि मंत्री ने 21 अगस्त को फिर केंद्रीय उर्वरक मंत्री को आपूर्ति के संबंध में अनुरोध किया। भले ही खाद के संकट की बड़ी वजह कालाबाजारी हो और सरकार जरूरतमंद किसानों तक खाद पहुंचाने की कसरत में जुटी है, परंतु विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में सरकार को रबी सीजन में मामला और गरमाने की आशंका सता रही है।
रबी सीजन में कृषि विभाग ने 138.78 हेक्टेयर में बोआई का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले सीजन में 132.86 लाख हेक्टेयर में फसलें हुई थीं। बोआई के हिसाब से विभाग ने रबी सीजन के लिए 41 लाख टन यूरिया, 17 लाख टन डीएपी, 7.08 लाख टन एनपीके, 1.78 लाख टन एसएसपी और दो लाख टन पोटाश की आवश्यकता जताई है।
आशंका है कि फसल के समय यह वास्तविक मांग और बढ़ सकती है। उस समय पंचायत चुनाव भी नजदीक होगा, ऐसे में सरकार ने केंद्र को अभी अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है, ताकि विपक्ष को कोई मौका न मिले। उर्वरक की आपूर्ति के लिए अनुरोध पत्र तैयार किया जा रहा है, जो इस बार समय से पहले ही भेज दिया जाएगा।
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