कांग्रेस में आने वाले दिनों में छंटनी हो सकती है। निष्क्रिय पदाधिकारियों को पार्टी से निकाला जा सकता है इसे लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने संकेत दिए हैं। कहा कि जो काम नहीं कर रहे हैं उनके बारे में भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो युवा अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां भी सौंपी जाएंगी।
आलोक मिश्र,
लखनऊ। कांग्रेस की नजर आने वाले विधानसभा चुनाव पर है। इसके लिए बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के साथ ही पार्टी का पूरा ध्यान विशेषकर जातीय समीकरणों को साधने पर है। लोकसभा चुनाव परिणाम से कांग्रेस को मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ पिछड़ों व वंचित समाज के उसके साथ आने का संकेत मिला है, जिसे आधार बनाकर पार्टी अपनी जड़ें जमाने के लिए संगठन में विस्तार की योजना बना रही है।
पाटी सूत्रों का कहना है कि अल्पसंख्यक विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग व अनुसूचित जाति विभाग के विस्तार की तैयारी है। इन्हें तीन हिस्सों तक में बांटा जा सकता है, जिससे पूर्वांचल, पश्चिमी व मध्य उत्तर प्रदेश में इन विभागों की गतिविधियों को बढ़ाने की जिम्मेदारी अलग-अलग पदाधिकारियों को सौंपी जा सके। इसके लिए विभिन्न स्तर पर सुझाव भी लिए जा रहे हैं।
पार्टी का जोर पौधरोपण, अलग-अलग वर्ग के सम्मेलन व अन्य सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से बूथ स्तर तक अपनी सक्रियता बढ़ाने पर है।
अजय राय ने मांगे संगठन मजबूत करने के सुझाव
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सभी फ्रंटल संगठनों, विभागों व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनसे बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने के सुझाव भी मांगे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वंचित-मुस्लिम गठजोड़ को केंद्र में रखकर अपनी गतिविधियां बढ़ाई थीं। अब कांग्रेस की नजर अति-पिछड़ों पर भी है।
अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को जोड़कर कांग्रेस अपने इस लक्ष्य को साधने का प्रयास करेगी। एक दिन पूर्व ही कांग्रेस ने वंचित समाज के बीच जाकर विभिन्न कार्यक्रम किए जाने की योजना बनाई है। ऐसे ही जिले से लेकर बूथ स्तर पर कांग्रेस मुस्लिम व पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं को जोड़ने की योजना भी बना रही है। इसके लिए विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से कांग्रेस उनके बीच जाकर विभिन्न आयोजन करेगी।
अजय राय का कहना है कि पार्टी में अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जो युवा अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां भी सौंपी जाएंगी। साथ ही उन्होंने निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी का संकेत भी दिया। कहा, जो काम नहीं कर रहे हैं, उनके बारे में भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
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