BSP से सभी पदों से हटाए जाने के बाद आकाश आनंद की पहली प्रतिक्रिया, मायावती के लिए लिखा भावुक पोस्ट
Akash Anand बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया था। वह पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर और मायावती के उत्तराधिकारी के पद पर नियुक्त किए गए थे। लेकिन दो दिन पहले उनसे यह पद छिन लिया गया था। पार्टी द्वारा पद वापस लिए जाने के बाद अब आकाश आनंद ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। (Akash Anand) बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया था। वह पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर और मायावती के उत्तराधिकारी के पद पर नियुक्त किए गए थे। लेकिन दो दिन पहले उनसे यह पद छिन लिया गया था। पार्टी द्वारा पद वापस लिए जाने के बाद अब आकाश आनंद ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
मायावती के लिए आकाश ने लिखा भावुक पोस्ट
बसपा के पूर्व नेशनल कार्डिनेटर आकाश आनंद ने मायावती के लिए सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट कर लिखा। 'आप पूरे पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताकत मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है। आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे।'
आकाश ने भीम मिशन और अपने समाज के लिए अंतिम सांस तक लड़ने की बात कही।आदरणीय बहन @mayawati जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताक़त मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है।
आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे।…
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) May 9, 2024
आकाश को 10 दिसंबर को सौंपी गई थी कमान
काशीराम की राजनीतिक विरासत संभालने वाली मायावती ने पिछले वर्ष 10 दिसंबर को अपने छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी और बसपा का नेशनल कॉर्डिनेटर घोषित किया था।
जनसभा में आतंकवादी से की थी भाजपा की तुलना
गौरतलब है कि सीतापुर में बीएसपी जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती के भतीजे आकाश ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तुलना आतंकवादी से की थी, जिसके बाद आकाश आनंद (Akash Anand) पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था और उसके बाद सभी जनसभाएं व चुनावी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे।इसे भी पढ़ें: शादीशुदा मुस्लिम को लिव-इन रिलेशन में रहने का अधिकार नहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी
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