'अखिलेश सरकार ने कितने DNA कराए?', यूपी के दो पूर्व मुख्यमंत्री आमने-सामने; मायावती बोलीं- योगी सरकार सही
अयोध्या दुष्कर्म मामले में अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के आरोपी नेता का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सरकार की कार्रवाई को सही ठहराते हुए पूछ लिया कि अखिलेश यादव की सरकार ने कितने लोगों का डीएनए टेस्ट कराया गया है? इस बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा पर हमला बोला है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अयोध्या में एक किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी सपा नेता को लेकर अखिलेश यादव और मायावती आमने-सामने आ गए हैं। अखिलेश यादव ने जहां अपनी ही पार्टी के आरोपी नेता का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है, वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सरकार की कार्रवाई को सही ठहराते हुए पूछा है कि ऐसे मामले में अखिलेश यादव की सरकार ने कितने लोगों का डीएनए टेस्ट कराया है?
इस बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ''दुराचारियों को बचाना सपा की जन्मजात फितरत है। अगर दुराचारी मुसलमान हो तब पूरा का पूरा सैफई परिवार उसे बचाने के लिए खूंटा गाड़ देता है।'' इन सबके बीच पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप के साथ तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल रविवार को अयोध्या में पीड़िता के परिवारीजनों से मिलेगा।
अखिलेश यादव ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ''कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यहीं न्याय की मांग है।''
अखिलेश यादव की पोस्ट पर मायावती का पलटवार
अखिलेश यादव की इस पोस्ट के ठीक बाद मायावती ने पलटवार किया। एक्स पर लिखा कि यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है, लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का डीएनए टेस्ट होना चाहिए, इसे क्या समझा जाए? जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने डीएनए टेस्ट हुए हैं?
साथ ही यूपी में अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था में भी खासकर महिला सुरक्षा और उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ की घटनाएं अति-दुखद व चिंतित करने वाली हैं। सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी और राजनीति से ऊपर उठकर सख्त कदम उठाए तो बेहतर होगा।
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