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यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द, हाई कोर्ट के फैसले पर अखिलेश यादव-मायावती का पहला रिएक्शन

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण में हुई गड़बड़ी के कारण नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाए जाने का फैसला सुनाया है। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। वहीं मायावती ने लिखा कि सरकारी नौकरियों की भर्तियों में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं।

By Nishant Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 17 Aug 2024 03:13 PM (IST)
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बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण में हुई गड़बड़ी के कारण नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाए जाने के हाईकोर्ट के निर्णय पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। वहीं, भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) व सुभासपा ने भी कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है।

सपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी मांग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सके और प्रदेश में भाजपा काल में बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके।

हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हकमारी या नाइंसाफी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएंगे। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएं।

अनुप्रिया पटेल ने हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

उधर अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी एक्स पर लिखा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है। खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण के नियमों की अनदेखी हुई है।

अब जबकि उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नए मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश जारी किया है, तब उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा। अनुप्रिया ने लिखा कि मैं इसकी लंबे समय से मांग कर रही थी। इस विषय को सदन से लेकर सर्वोच्च स्तर तक उठाया है।

जब तक इस प्रकरण में वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता, मैं इस विषय को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लगातार हर संभव प्रयास करूंगी। सुभासपा के मुख्य प्रवक्ता अरुन राजभर ने कोर्ट के निर्णय के अनुसार आरक्षण नियमों का पालन कर जल्द नई मेरिट लिस्ट बनाई जाए। हम लगातार इन युवाओं के लिए आगे भी संघर्ष जारी रखेंगे।

क्या बोलीं मायावती?

मायावती ने एक्स पर लिखा कि यूपी में सन 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यार्थियों की चयन सूची को रद्द करके तीन महीने के अन्दर नई सूची बनाने के हाईकोर्ट के फैसले से साबित है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता व ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो।

वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्तियों में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं होने पर यह काफी चर्चाओं में रहा है। अब सहायक शिक्षकों की सही बहाली नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना स्वाभाविक। सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे।

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