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Akhilesh Yadav Birthday : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को 49वें जन्मदिन पर मिल रहीं बधाइयां, खुद ही किया अपना नामकरण

Samajwadi Party President Akhilesh Yadav 49th Birthday अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में नेता विरोधी दल हैं। अखिलेश यादव 38 वर्ष की उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे। यह रिकार्ड आज भी कायम है। उनसे पहले 39 वर्ष की उम्र में मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 01 Jul 2022 01:32 PM (IST)
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Samajwadi Party President Akhilesh Yadav 49th Birthday :

लखनऊ, जेएनएन। Samajwadi Party President Akhilesh Yadav 49th Birthday : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आज यानी एक जुलाई को 49वां जन्मदिन है। समाजवादी पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ताओं के साथ अन्य दल के नेता भी उनको बधाइयां प्रेषित कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र (38 वर्ष की उम्र) के मुख्यमंत्री का रिकार्ड बनाने वाले अखिलेश यादव ने कम समय में ही राजनीति का चरम भी देखा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की बागडोर संभालने के दौरान भी तमाम बवाल झेलने वाले अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में नेता विरोधी दल हैं। अखिलेश यादव 38 वर्ष की उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे। यह रिकार्ड आज भी कायम है। उनसे पहले 39 वर्ष की उम्र में मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं। अखिलेश यादव 27 वर्ष की उम्र में सांसद भी बने थे।

अखिलेश यादव का जन्म एक जुलाई 1973 को इटावा के सैफई में जन्म हुआ। मुलायम सिंह यादव के खास दोस्त प्रधान दर्शन सिंह यादव ने उनका नाम टीपू रख दिया। गांव वालों को यह नाम समझ नहीं आया फिर जब दर्शन ने उन्हें टीपू सुल्तान के बारे में बताया तब सब समझ गए। इसके बाद अखिलेश यादव का पांच वर्ष की उम्र में चाचा प्रो. रामगोपाल यादव ने सेंट मैरी स्कूल में दाखिला कराया। स्कूल में शिक्षक ने नाम पूछा तो रामगोपाल ने कहा कि टीपू लिखिए। स्कूल का स्टाफ इस नाम पर हैरान हुआ तो मुलायम सिंह से फोन पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टीपू से ही पूछ लीजिए। टीपू को नामों के चार ऑप्शन दिए गए। टीपू ने अखिलेश नाम को चुना और फॉर्म में वही नाम दर्ज करवाया। इस दिन से टीपू अखिलेश बने। अखिलेश 10 साल के हुए तो सुरक्षा कारणों के चलते उनका एडमिशन राजस्थान मिलिट्री स्कूल, धौलपुर में करवा दिया गया। स्कूलिंग पूरी हुई। एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग के लिए मैसूर का जेएसएस कॉलेज चुना। यहां पहले सेमेस्टर में वह सिर्फ दो विषयों में पास हो सके। अखिलेश ने बाद में कहा था कि जितनी बैक मेरी लगी शायद ही किसी बच्चे की लगी हो।

पहली नजर में डिंपल पंसद : अखिलेश ने जब पहली बार डिंपल को देखा तभी उन्हें वह पसंद आ गईं। डिंपल की उम्र उस समय महज 17 वर्ष थी। दोनों में थोड़ी देर बात भी हुई। बातचीत पढ़ाई और परिवार को लेकर थी। इस मुलाकात के बाद डिंपल लखनऊ यूनिवर्सिटी में कॉमर्स की पढ़ाई करने चली गईं। अखिलेश एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी यूनिवर्सिटी पहुंचे। अखिलेश जब सिडनी में थे तब डिंपल से फोन पर बात नहीं हो पाती थी। वह उन्हें खत लिखते थे। डिंपल भी उनके खत का जवाब खत लिखकर देती थीं।

इसके बाद उनकी शादी हो गई। शादी के बाद अखिलेश और डिंपल दिसंबर 1999 में छुट्टियां मनाने देहरादून गए थे। देहरादून के ही एक मॉल में दोनों खरीदारी कर रहे थे तभी अखिलेश के पास मुलायम सिंह का फोन गया। उन्होंने कहा कि तुम्हें चुनाव लडऩा है। अखिलेश हां या ना में कोई जवाब दे पाते इसके पहले ही फोन कट गया। कन्नौज में 1999 में हुए उपचुनाव में अखिलेश ने जीत दर्ज करते हुए राजनीति में प्रवेश किया। 2004 में अखिलेश यादव दोबारा कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव में उतरे। उन्होंने बसपा के राजेश सिंह को तीन लाख सात हजार वोटों से हराया। जीत का क्रम 2009 में भी बरकरार रहा और उन्होंने इस बार बसपा के ही महेश चंद्र वर्मा को 1 लाख 15 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया। 2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर प्रचार किया। नतीजा ये रहा कि सपा पहली बार यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही। 403 में 224 सीटों पर जीत मिली।

लगातार गिरता जा रहा ग्राफ : वर्ष 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से अखिलेश यादव के राजनीतिक जीवन का ग्राफ लगातार नीचे गिरने लगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा को महज पांच सीटों पर जीत मिली। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा 224 से घटकर 47 सीट पर सिमट गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ पांच सीटों पर ही जीत मिली। डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव हार गईं। 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से अखिलेश के नेतृत्व में सपा पीछे रह गई। इसके बाद हाल ही में सम्पन्न लोकसभा के उप चुनाव में समाजवादी पार्टी ने दो सीट और गंवा दी है। उसके पास अब सिर्फ तीन सांसद हैं। अखिलेश यादव पर एयर कंडीशर वाले नेता का ठप्पा लगा है।  

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