बसपा के मूल वोटरों को तोड़ने में जुटे अखिलेश यादव, बनाया प्लान-B, क्या बिगाड़ेंगे BJP का समीकरण?
तीन चरणों के चुनाव के बाद अब बची 54 सीटों पर सपा की नजर वंचित मतदाताओं पर टिक गई है। सपा खास तौर पर बसपा के मूल वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि बसपा व भाजपा मिलीभगत कर चुनाव लड़ रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। तीन चरणों के चुनाव के बाद अब बची 54 सीटों पर सपा की नजर वंचित मतदाताओं पर टिक गई है। सपा खास तौर पर बसपा के मूल वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि बसपा व भाजपा मिलीभगत कर चुनाव लड़ रहे हैं।
सपा यह भी संदेश दे रही है कि यदि भाजपा फिर से केंद्र में आ गई तो संविधान बदलकर वंचितों व पिछड़ों का आरक्षण खत्म कर देगी। चुनाव प्रचार में सपा व कांग्रेस संविधान बचाने के लिए विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए को वोट देने के अभियान को तेज कर दिया है।
सपा का फोकस वंचित मतदाताओं पर
अब प्रदेश के बचे चार चरणों के रण में 42 सीटों पर सपा, 11 पर कांग्रेस व एक सीट पर तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। 'पीडीए' (पिछड़ा, वंचित, अल्पसंख्यक) की रणनीति पर चल रही सपा ने अब अपना फोकस वंचित मतदाताओं पर कर लिया है। इसमें भी मायावती के कोर मतदाता जाटव पर उसकी नजर है। सपा व कांग्रेस यह संदेश देगी कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का संविधान भाजपा खत्म करना चाहती है, यदि ऐसा हुआ तो उनके सारे अधिकार खत्म हो जाएंगे।इसी रणनीति पर चलते हुए शुक्रवार को अखिलेश यादव व राहुल गांधी ने कन्नौज की जनसभा में कहा कि भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है। सपा मुखिया बोले...'ये लोग हमारे आपके संविधान के पीछे पड़ गए हैं।' उन्होंने संविधान बचाओ का नारा भी दिया। जनसभाओं में आइएनडीआइए गठबंधन के नेता यह भी समझा रहे हैं कि भाजपा संविधान बदलकर वोट का अधिकार छीन लेगी, इसलिए अपने वोट और आरक्षण को बचाने के लिए भाजपा को हटाना होगा।
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