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Akhilesh ने लोकसभा में चला PDA दांव, अवधेश प्रसाद को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी; 2027 के चुनाव के लिए भी दिया हिंट

अखिलेश यादव ने लोकसभा में अवधेश प्रसाद का कद बढ़ाया है। इसके साथ ही सपा प्रमुख ने पीडीए दांव चला है। अवधेश प्रसाद को लोकसभा में अधिष्ठाता मंडल का सदस्य बनाया गया है। वहीं धर्मेंद्र यादव को लोकसभा का मुख्य सचेतक बनाकर वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी सक्रियता यूपी में और बढ़ाने के संकेत भी दे दिए हैं।

By Nishant Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 30 Jul 2024 09:51 PM (IST)
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अखिलेश यादव ने लोकसभा में चला PDA दांव। (फोटो सोर्स: जागरण)

निशांत यादव, लखनऊ। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) के फार्मूले पर चलते हुए सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक और दांव चल दिया। फैजाबाद सीट से सांसद अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव ने लोकसभा में बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी। अखिलेश ने अवधेश प्रसाद को लोकसभा में अधिष्ठाता मंडल का सदस्य बनाकर दलित वोटबैंक को साधने की कोशिश की है।

वहीं, धर्मेंद्र यादव को लोकसभा का मुख्य सचेतक बनाकर वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी सक्रियता यूपी में और बढ़ाने के संकेत भी दे दिए हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने ब्राह्मण वोटबैंक साधने के विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया है।

सपा अध्यक्ष ने विधान परिषद में लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष, किरनपाल कश्यप को मुख्य सचेतक और आशुतोष सिन्हा को सचेतक, जबकि मो. जासमीर अंसारी को सदन का उपनेता मनोनीत किया था। लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद यह कयास लग रहे थे कि अखिलेश विधानसभा में किसी दलित चेहरे को मौका दे सकते हैं। इंद्रजीत सरोज और तूफानी सरोज का नाम इसमें सबसे आगे था।

अखिलेश ने माता प्रसाद पांडेय को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि मनोज पांडेय के साथ बागी विधायकों के चले जाने के बाद भी पार्टी में स्वर्ण समाज से आने वाले विधायकों की भूमिका कम नहीं हुई है। उनके साथ पीडीए के अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के लिए महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल में सदस्य, कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक बनाया था। इसी तरह राकेश कुमार उर्फ डा. आरके वर्मा को उप सचेतक बनाया गया था।

मायावती ने एक्स पर अखिलेश यादव को घेरा

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को एक्स पर यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने में पीडीए की उपेक्षा करने का आरोप अखिलेश यादव पर लगाया था। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद को भी अखिलेश पर हमलावर होने का मौका मिला । उन्होंने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस का मोहरा सपा बहादुर अखिलेश यादव की नेता प्रतिपक्ष चुनते ही असलियत सामने आने से सपा में पीडीए चालीसा पढ़ने वाले पिछड़ों , दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है।

इन आरोपों पर विराम लगाते हुए अखिलेश यादव ने दलित वर्ग से आने वाले सांसद अवधेश प्रसाद को प्राथमिकता देते हुए न केवल उनको अधिष्ठाता मंडल का सदस्य बनाया। वहीं, पिछड़े वर्ग से आने वाले जौनपुर के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा को संसदीय दल का उपनेता बनाकर पीडीए के पी को जोड़ने की कोशिश की है।

आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव को लोकसभा का मुख्य सचेतक बनाने के पीछे अखिलेश यादव की मंशा उत्तर प्रदेश के वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले दूसरी पंक्ति के नेता तैयार करने की भी है। धर्मेंद्र यादव मैनपुरी और बदायूं के बाद आजमगढ़ से चौथी बार सांसद बने हैं।

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