बिहार की जाति आधारित जनगणना पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई सामने, नीतीश-तेजस्वी की तारीफ में कही ये बात
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस विषय को नीतीश सरकार प्रशंसा करते हुए इसे सामाजिक न्याय का गणतीय आधार बताया और कहा कि जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक़ के हिमायती हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार सरकार द्वारा जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद देश की राजनीति में एक नई बहस ने जन्म ले लिया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस विषय को नीतीश-तेजस्वी सरकार प्रशंसा करते हुए इसे सामाजिक न्याय का गणतीय आधार बताया और कहा कि जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक़ के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी।
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अखिलेश यादव ने मोदी सरकार से देश भर में इस तरह की जनगणना कराने की अपील करते हुए कहा कि जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं। भाजपा सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए।
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उन्होंने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक़्क़ी के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को भी दूर करते हैं, नये रास्ते बनाते हैं।
बकौल अखिलेश, सत्ताओं और समाज के परम्परागत ताकतवर लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय का ख़ात्मा भी करते हैं। इससे समाज बराबरी के मार्ग पर चलता है और समेकित रूप से देश का विकास होता है। जातिगत जनगणना देश की तरक़्क़ी का रास्ता है। यहां उन्होंने यह भी कहा कि अब ये निश्चित हो गया है कि PDA ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा।
बताते चलें कि नीतीश-तेजस्वी सरकार में अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा आबादी है।
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जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 215 जातियों और कुल 6 धर्मों को मानने वाले लोगों की गिनती गई है। इनमें हिंदुओं की संख्या 10 करोड्, 71 लाख 92 हजार 958 यानी 81.99 फीसदी है। वहीं मुस्लिम आबादी दो करोड् 31 लाख 49 हजार 925 यानी कुल आबादी की 17.70 फीसद हैं।