महिला सुरक्षा को लेकर अखिलेश का सरकार पर निशाना, कहा- ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत
अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े-बड़े दावों के बीच भी महिलाओं के लिए भयमुक्त स्वतंत्र वातावरण नहीं बन पा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी के लिए एक बड़ी मानसिक क्रांति की जरूरत है। जिसकी शुरुआत शिक्षा ही से करनी पड़ेगी जो लड़के-लड़की के भेद को मिटाए बराबरी का भाव लाए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रता व सुरक्षा के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को और तेजी के साथ काम करने की जरूरत है। न्याय में देरी ताकतवर गुनाहगारों को और भी ताकत देती है। सुबूत से लेकर गवाह तक बदलने के मौके देती है। न्यायालय की देखरेख में पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा के लिए नए सुरक्षा-प्रबंध करने होंगे तभी सही मायनों में महिलाएं अपना सामर्थ्य दिखा पाएगी और देश-दुनिया के विकास में अपनी भूमिका निभा पाएंगी।
सपा अध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े-बड़े दावों के बीच भी महिलाओं के लिए भयमुक्त स्वतंत्र वातावरण नहीं बन पा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी के लिए एक बड़ी मानसिक क्रांति की जरूरत है। जिसकी शुरुआत शिक्षा ही से करनी पड़ेगी, जो लड़के-लड़की के भेद को मिटाए, बराबरी का भाव लाए।शिक्षण संस्थानों से लेकर कार्य स्थलों तक, हर जगह नारी-सुरक्षा के लिए नई चेतना जगानी होगी। सरकारों को इसके लिए आगे आना होगा। हर तरफ सुरक्षा व्यवस्था को चौकन्ना करना होगा। यदि संकीर्ण राजनीति का हस्तक्षेप न हो और ऐसी घटनाओं का राजनीतिकरण करके सियासी रोटी न सेंकी जाए तो आधी समस्या अपने आप सुलझ जाएगी।
आरोपितों को जब यह पता होगा कि उसको गले में हार डालकर बचाने वाला कोई नहीं है और उसे महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर सख्त सजा मिलेगी तो उनका मनोबल चूर-चूर हो जाएगा।
रक्षाबंधन पर समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का गठन
रक्षाबंधन पर्व पर सपा ने समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का गठन किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नारी के आत्मविश्वास को बढ़ाने, आर्थिक सबलीकरण तथा नाारी सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वाहिनी काम करेगी। वाहिनी स्त्री संरक्षीकरण की नई अवधारणा को लोगों तक पहुंचाएगी। इससे महिलाओं के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव आएगा और महिलाएं समावेशी विकास का हिस्सा बन पाएंगी। वाहिनी महिलाओं के प्रति अपराधों से लेकर तमाम मुद्दों को उठाएगी।महिलाओं को शिक्षित करने, आत्मनिर्भर बनाने व समाज में उनके सम्मान को बढ़ाने में वाहिनी का योगदान अहम होगा। उन्होंने महिलाओं से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में वाहिनी के साथ जुड़कर महिलाओं के मुद्दों को हल करें।
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