बूथ संभालेंगे ‘संगी-साथी’, हताश होकर भाग चुका है भाजपा कार्यकर्ता, उपचुनाव में RSS की तैयारियों को लेकर अखिलेश का तंज
विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश सरकार भाजपा संगठन के साथ आरएसएस के भी सक्रिय होने की तैयारी के बीच अखिलेश यादव ने तंज कसा है। संघ का नाम लिये बिना कहा कि अब जब भाजपा के ‘ संगी-साथी’ कह रहे हैं कि वो बूथ पर जाकर व्यवस्था संभालेंगे तो इसका मतलब साफ है कि वह मानकर चल रहे हैं कि भाजपा का कार्यकर्ता हताश होकर बूथ छोड़कर भाग चुका है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश सरकार, भाजपा संगठन के साथ आरएसएस के भी सक्रिय होने की तैयारी के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा। उन्होंने संघ का नाम लिये बिना कहा कि अब जब भाजपा के ‘संगी-साथी’ कह रहे हैं कि वो बूथ पर जाकर व्यवस्था संभालेंगे तो इसका मतलब साफ है कि लोकसभा चुनाव में हुई ऐतिहासिक पराजय को देखते हुए वह मानकर चल रहे हैं कि भाजपा का कार्यकर्ता हताश होकर बूथ छोड़कर भाग चुका है।
अखिलेश यादव का इशारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा संगठन और आरएसएस के बीच चुनाव की तैयारियों को लेकर बुधवार को हुई बैठक की ओर था।एक्स पर सपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव में हार के बाद भाजपाई गुटों ने आपस में विश्वास खो दिया है। इसका एक और पहलू यह भी है कि भाजपा का ‘संगी-साथी’ पक्ष ये दिखाना चाहता है कि हार का कारण वो नहीं था, वो तो अभी भी शक्तिशाली है, कमजोर तो भाजपा हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांटने की राजनीति करने वाले लोग खुद बंट गये हैं। आरएसएस की सपा के पिछड़ा, दलित , अल्पसंख्यक (पीडीए) के जवाब में हिंदुत्व कार्ड खेलने की तैयारी पर भी सपा अध्यक्ष ने निशाना साधा।
'समाज का 90 प्रतिशत पीडीए समाज जाग उठा है'
उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी चाणक्य नीति के तहत जिन ‘पन्ना प्रमुखों’ की बात करती थी, अब क्या वो इतिहास बन गये? समाज का 90 प्रतिशत पीडीए समाज जाग उठा है। भाजपा कार्यकर्ता पीडीए समाज के सामने आकर क्यों उनके विरोधी होने का ठप्पा खुद पर लगाएगा? आखिरकार उन्हें भी तो उसी 90 प्रतिशत समाज के बीच ही रहना है। भूतपूर्व भाजपाई पन्ना प्रमुख ये सच्चाई भी जान चुके हैं कि भाजपा में किसी की कोई सुनवाई नहीं है। इसीलिए वो ऐसे उन अन्य दलों में ठिकाना ढूंढ रहे हैं, जो सच में जनता के साथ हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।