अखिलेश यादव ने ट्वीट की तस्वीर, लिखा था भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया जवाब
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर तंज कसा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट के जरिए ही जवाब भी दिया। अखिलेश यादव का ट्वीट कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।
By Prabhapunj MishraEdited By: Updated: Sat, 28 May 2022 09:51 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक ट्वीट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। ट्वीट में उन्होंने मेरठ के एक थाने के बाहर लगे पोस्टर की फोटो पोस्ट की है। इस पोस्टर पर लिखा है कि 'भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है'। होर्डिंग के नीचे थाना प्रभारी का नाम भी लिखा हुआ है।
ये मेरठ जिले के मेडिकल थाने की तस्वीर है। इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा कि 'ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में, सत्तापक्ष के लोगों का आना मना हुआ थानों में। ये है उप्र की बीजेपी सरकार का बुलंद इकबाल!
कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि, पिछली सरकारों के समय थाना और तहसील गिरवी रख दिए जाते थे। मगर भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता अनावश्यक सिफारिश के लिए किसी थाने या तहसील में नहीं जाता है। हमें हमारा नेतृत्व एक ही बात के लिए हमेशा आगाह करता है कि हमारा मिशन केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं, हमारा मिशन देश होना चाहिए, देश के हित के लिए कार्य करना होना चाहिए।
जानिए क्या है पूरा मामला: मेरठ के मेडिकल थाने में शुक्रवार को एक दुकान के विवाद में थाने पहुंचे भाजपाइयों ने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए विरोध स्वरूप थाने की दीवार पर बैनर लगा दिया। जबकि पुलिस का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ता दुकान के विवाद में दबाव बना रहे थे। थाने की दीवार पर लगे बैनर पर लिखा था कि, थाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं का आना मना है।
बैनर का फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो उच्च अधिकारियों सहित राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। इंचौली थाना क्षेत्र के मसूरी गांव निवासी पूजा की शादी चार साल पहले नौचंदी थाना क्षेत्र के वैशाली कालोनी निवासी अवधेश से हुई थी। अवधेश की अक्टूबर 2021 में बीमारी से मौत हो गई थी। पूजा का गढ़रोड स्थित एक दुकान को लेकर ससुर व देवर से विवाद चल रहा है।शुक्रवार को सुबह दस बजे पीड़िता भाजपा कार्यकर्ता शंभू पहलवान, सागर पोसवाल और अंकुर चौधरी आदि के साथ थाने पहुंची थी। पुलिस ने दूसरे पक्ष को भी बुलाया था। थाना प्रभारी संत शरण सिंह का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ता मामले में समझौता कराने का दबाव बना रहे थे। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा कार्यकर्ता पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाकर थाने में ही धरने पर बैठ गए।
इस बीच धरने पर बैठा एक युवक थाने से निकला और कुछ देर बाद बैनर ले आया। जिस पर लिखा था, भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है, आज्ञा से थाना प्रभारी संतशरण सिंह। इस बीच नौचंदी और सिविल लाइन्स का फोर्स भी मौके पर पहुंच गया। सीओ देवेश कुमार ने थाने पहुंचकर भाजपा कार्यकर्ताओं को समझाया और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।पूर्व मुख्यमंत्री ने कसा तंज : थाने पर लगे बैनर के वायरल होने के बाद रात को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि, ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में, सत्तापक्ष के लोगों का अना मना हुआ थानों में। ये है उप्र की भाजपा सरकार का बुलंद इकबाल।
हंगामे के दौरान भाजपाइयों ने बैनर तो पुलिस ने वीडियो वायरल किया हंगामे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने के गेट के बराबर वाली दीवार बैनर लगा दिया था, कुछ देर बाद उसे उतार दिया और हाथ में पकड़कर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिसकर्मी भाजपाइयों की वीडियो बना रहे थे। हंगामे के दौरान ही कार्यकर्ताओं ने दीवार पर लगे बैनर का फोटो तो पुलिस ने मौके की वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
इधर हंगामा, उधर सीएम ने भी किया था ट्वीट जिस समय मेडिकल थाने में हंगामा चल रहा था, उसके कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि, पिछली सरकारों के समय थाना और तहसील गिरवी रख दिए जाते थे। मगर भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता अनावश्यक सिफारिश के लिए किसी थाने या तहसील में नहीं जाता है।मेडिकल थाने की दीवार पर विरोध स्वरूप लगाया गया भाजपा कार्यकताओं ने पोस्टर, दारोगा की तहरीर पर रात में मुकदमा दर्ज : दारोगा यतेंद्र गोस्वामी की तहरीर पर शंभू पहलवान, सागर पोसवाल, अंकुर चौधरी, कुलदीप मसूरी और 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए रात में दबिश भी दी गई। रिपोर्ट में लिखा है कि इन लोगों ने हंगामा किया। आरोपितों के खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं। मोहनपुरी में छपा था बैनर थाना प्रभारी संत शरण सिंह ने बताया कि मामले की जांच में पता चला कि आरोपितों में से एक की पार्टनरशिप में प्रिंटिंग प्रेस भी है, जो मोहनपुरी में है। वहीं बैनर छापा था
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि संपत्ति को लेकर देवर और भाभी में विवाद चल रहा है। कुछ लोग समझौता कराने के लिए थाने गए थे। उनमें मौजूद शरारती तत्वों ने हंगामा कर दिया। वह पुलिस पर अनुचित दबाव बना रहे थे। कुछ युवक बाहर से पोस्टर लाए और थाने पर लगा दिया। इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है। हंगामा करने व बैनर लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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