AKTU जल्द शुरू होगी डीप फेक पहचान लैब, AI तकनीक से होगी लैस; डिजिटल अपराधों से मिलेगी राहत
डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय जल्द ही डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए एक अत्याधुनिक लैब शुरू करने जा रहा है। यह लैब डीप फेक की पहचान करने और डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों में मदद करेगी। लैब में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ( एआइ ) की तकनीक का इस्तेमाल होगा और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी अपना अनुभव साझा करेंगे ।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) जल्द ही डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए एक अत्याधुनिक लैब शुरू करने जा रहा है। इस लैब का मुख्य उद्देश्य डीप फेक की पहचान करना और डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों में मदद करना होगा। यह लैब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की तकनीक से लैस होगी, और इसमें पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी भी अपना अनुभव साझा करेंगे।
डीप फेक एक ऐसी तकनीक है, जिसमें एआइ की मदद से फर्जी वीडियो और आडियो बनाए जाते हैं, जिससे किसी व्यक्ति की पहचान या विचारों को गलत तरीके से पेश किया जा सकता है। यह तकनीक डिजिटल धोखाधड़ी और गलत जानकारी फैलाने का एक बड़ा जरिया बन गई है।
वहीं, डिजिटल अरेस्ट तकनीक के माध्यम से साइबर अपराधों को नियंत्रित और पकड़ा जाता है, जिसमें डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित रखना और अपराधियों की पहचान करना शामिल है।
एकेटीयू में खुलने वाले नए पहचान लैब में डीप फेक तकनीक की जांच और पहचान करने के लिए उन्नत एआइ उपकरण और साफ्टवेयर मौजूद होंगे।