जानलेवा निपाह वायरस को लेकर केजीएमयू में अलर्ट, दिखाई दें ये लक्षण तो ऐसे करें बचाव
चमगादड़ के जरिए फैलने वाला है निपाह वायरस। अब तक केरल में नौ लोगों की जा चुकी है जान।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। केरल में जानलेवा बना निपाह वायरस को लेकर राजधानी का चिकित्सा महकमा भी सतर्क हो गया है। मरीजों को क्रिटिकल केयर इमरजेंसी सेवाएं मुहैया कराने के लिए जहा केजीएमयू के आरआइसीयू में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया, वहीं सीएमओ ने अस्पतालों में बने आइसोलेशन वार्ड दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। चमगादड़ के जरिए फैलने वाले निपाह वायरस ने केरल में अब तक नौ लोगों की जान ले ली है। ऐसे में राजधानी का चिकित्सा महकमा भी सतर्क हो गया है। मंगलवार को पल्मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि निपाह वायरस से पीड़ित मरीज की मौत का प्रमुख कारण एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) है। ऐसे में मरीज एक्यूट निमोनिया की चपेट में आ जाता है, उसे सास संबंधी समस्या होने लगती है। लिहाजा ट्रामा सेंटर स्थित विभाग के आरआइसीयू में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, यूनिट के डॉक्टर, नर्स व टेक्नीशियन को बीमारी संबंधी जानकारी व पेंशेंट केयर के प्रति अपडेट कर दिया गया है। उधर, सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बड़े अस्पतालों में 10 बेड व छोटे अस्पतालों में तीन-तीन बेड के स्वाइन फ्लू के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए थे। इन्हें अब निपाह वायरस के मरीजों के लिए अलर्ट कर दिया गया है। इंफेक्टेड फ्रूट व बॉडी फ्लूड से फैल रही बीमारी
डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि निपाह वायरस चमगादड़ से फैल रहा है। जिन फलों को चमगाड़ थोड़ा खाकर छोड़ देता है या फिर उस पर मल-मूत्र त्याग देता है। ऐसे में ये (संक्त्रमित) फ्रूट या अन्य फूड से वायरस व्यक्ति को चपेट में ले रहा है। वहीें संक्त्रमित मरीज के पसीना, आसू, ब्लड, लार, मल व यूरिन के संपर्क में आने से बीमारी दूसरे को चपेट में ले रही है।1कटे-फटे खजूर खाने से बचें1डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि खजूर व नारियल के पेड़ के पास चमगादड़ का आना-जाना रहता है। ऐसे में लोग कटे-फटे खजूर न खाएं। फ्रेश खजूर बाजार से खरीदें। इस्तेमाल से पहले उन्हें अच्छी तरह से धुल लें। इसके अलावा नारियल से बने उत्पादों के सेवन में भी सतर्क रहें। लक्षणों के आधार पर ही इलाज