सीओ जियाउल हक हत्याकांड के सभी दोषियों को उम्रकैद, जुर्माना भी लगा; सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला
प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक के हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने दस दोषियों को उम्रकैद की सजा और एक लाख 95 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह घटना 2013 में हुई थी जब जमीन विवाद में प्रधान नन्हे यादव और सीओ जियाउल हक की हत्या हुई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की थी।
विधि संवाददाता, लखनऊ। प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक के हत्याकांड मामले में बुधवार को सभी दस दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने सभी दोषियों को सजा के साथ एक लाख 95 हजार रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया जो मृतक जियाउल की पत्नी परवीन आजाद को दिया जाएगा। इस तरह प्रत्येक दोषी को 19 हजार पांच सौ रुपये भी भरने होंगे।
कचहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच आज सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार ने फूलचन्द्र यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, रामलखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी तथा जगत बहादुर पटेल को हत्याकांड का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा के बाद अदालत ने सभी को जेल भेज दिया। हत्याकांड में एक अन्य आरोपी सुधीर को साक्ष्य के अभाव में चार अक्टूबर को बरी कर दिया गया था।
प्रधान की हत्या के बाद मचा था बवाल
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि दो मार्च 2013 को शाम साढ़े सात बजे जमीन के एक पुराने विवाद के चलते प्रतापगढ़ कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।इस घटना पर मृतक के समर्थकों की बड़ी संख्या उनके गांव पहुंच गई थी और उनके विरोधी कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया था। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची।
पुलिस दल के साथ सीओ कुंडा जियाउल हक, तत्कालीन हथिगवां थाना प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा थाना प्रभारी सर्वेश मिश्र भी घटनास्थल पर पहुंचे थे। मौके पर उग्र भीड़ ने पुलिस को घेर लिया था।
मौके पर सीओ ने भीड़ को समझाने का बहुत प्रयास किया परंतु उसी समय हुई झड़प में मृतक प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई। भीड़ का उग्र प्रदर्शन देख कर मौके से पुलिस दल भाग गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।