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समान नागरिक संहिता असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव ने समान नागरिक संहिता को असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी बताया है। उनके अनुसार भारतीय संविधान ने प्रत्येक नागरिक को उसके धर्म के अनुसार जीवन जीने की अनुमति प्रदान की है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Wed, 27 Apr 2022 12:18 AM (IST)
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पुराने लखनऊ में धार्मिक स्थलों से हटवाए गए लाउडस्पीकर।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। समान नागरिक संहिता को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी बताया है। महासचिव ने कहा है कि भारत के संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को उसके धर्म के अनुसार जीवन व्यतीत करने की अनुमति दी है। इसे मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है।

इन्हीं अधिकारों के अंतर्गत अल्पसंख्यकों और आदिवासी वर्गों के लिए उनकी इच्छा और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग पर्सनल ला रखे गए हैं, जिससे देश को कोई क्षति नहीं होती है, बल्कि यह आपसी एकता एवं बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के बीच आपसी विश्वास बनाए रखने में मदद करता है। अब उत्तराखंड या उत्तर प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता का राग अलापना असामयिक बयानबाजी के अतिरिक्त कुछ नहीं है।

हर व्यक्ति जानता है कि इसका उद्देश्य महंगाई, गिरती हुई अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने और घृणा के एजेंडे को बढ़ावा देना है। यह अल्पसंख्यक विरोधी और संविधान विरोधी कदम है। मुसलमानों के लिए यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड इसकी कड़ी नि‍ंदा करता है और सरकार से अपील करता है वह ऐसे कार्यों से से परहेज करे।

धार्मिक स्थलों से हटवाए गए लाउडस्पीकर : पुराने लखनऊ में चला अभियान, मानक के अनुसार लाउडस्पीकर की आवाज रखने के निर्देश जागरण संवाददाता, लखनऊ : पुराने लखनऊ में मंगलवार को धार्मिक स्थलों पर मानक के विपरित लगे लाउडस्पीकर हटवाए गए। डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा की अगुवाई में अलग अलग इलाकों में यह अभियान चलाया गया। इनमें मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारे शामिल हैं।

एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि नियम के अनुसार निर्धारित आवाज में लाउडस्पीकर बजाने के निर्देश दिए गए हैं। शासन के आदेश पर यह अभियान शुरू किया गया है। मंगलवार को बीएन रोड कैसरबाग, अमीनाबाद सफेद मस्जिद, महावीर मंदिर और नाका गुरुद्वारे आदेश का अनुपालन कराया गया। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। धार्मिक स्थलों पर लोगों ने भी सहयोग किया और नियम का पालन करने की बात कही।

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