Allahabad High Court Lucknow Bench ने सरकार से पूछा- शिया वक्फ बोर्ड में कैसे नियुक्त किया प्रशासक
Allahabad High Court Lucknow Benchन्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार की पीठ ने यह निर्देश असद अली खान की याचिका पर पारित किया। कोर्ट ने सरकार ने यह भी पूछा है कि शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव कब तक कराए जाएंगे।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 18 Mar 2021 09:01 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सख्ती दिखाने के बाद अब शिया वक्फ बोर्ड में प्रशासक नियुक्त करने पर जवाब मांगा है। हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि किस प्रावधान के तहत 16 मार्च को प्रशासक नियुक्त किया गया है। इस मामले में अब 25 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि किस प्रावधान के तहत शिया वक्फ बोर्ड में प्रशासक की नियुक्ति की गई है। अदालत ने यह भी जानना चाहा है कि बोर्ड के गठन के लिए कब तक चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। साथ ही अदालत ने मामले में सहयेाग प्रदान करने के लिए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को 25 मार्च की अगली सुनवायी पर तलब किया है। कोर्ट ने सरकार ने यह भी पूछा है कि शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव कब तक कराए जाएंगे। इन सभी सवाल पर कोर्ट ने विशेष सचिव स्तर के एक अधिकारी को तलब किया है।
जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस मनीष कुमार की पीठ ने यह आदेश असद अली खान की एक रिट याचिका पर पारित किया। याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने बीती 16 मार्च को वक्फ बोर्ड में प्रशासक की नियुक्ति कर दी है। सरकार की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए चुनाव नहीं कराए जा सके हैं। हालांकि कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। कोर्ट ने पाया कि वक्फ बोर्ड के पूर्व सदस्यों का कार्यकाल 19 मई, 2020 को ही समाप्त हो चुका था।
हाई कोर्ट ने कहा कि यह हम समझ सकते हैं कि जब कार्यकाल समाप्त हुआ, तब महामारी के कारण तत्काल चुनाव नहीं कराए जा सकते थे, लेकिन परेशान करने वाली बात यह है कि सरकार ने 16 मार्च को प्रशासक नियुक्त किया, जबकि प्रशासक नियुक्त करने का कोई प्रावधान वक्फ अधिनियम, 1995 में है ही नहीं।
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