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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अतीक अहमद के खास गुर्गे गुलाम सरवर की जमानत याचिका की खारिज

इलाहाबाद हाई कोर्ट में सीबीआइ की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि अतीक अहमद समेत इस घटना में शामिल सभी अभियुक्त खतरनाक अपराधी हैं। जिनकी वजह से तमाम गवाहों को विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम के तहत रखा गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 20 May 2022 12:28 AM (IST)
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अतीक अहमद के खास गुर्गे गुलाम सरवर की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
लखनऊ [विधि संवाददाता]। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल ले जाने, मारने-पीटने व विभिन्न दस्तावेजों पर जबरन दस्तखत करा लेने के मामले में सपा के पूर्व सांसद अतीक अहमद के खास गुर्गे गुलाम सरवर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि आज जब कोई भी ऐसे खतरनाक अपराधियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता, तब वादी जो स्वयं पीड़ित है, उसने उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत जुटाई।

यह आदेश जस्टिस कृष्ण पहल की एकल पीठ ने गुलाम सरवर की जमानत याचिका पर पारित किया। अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वादी ने लगातार अपने बयानों में सुधार किया है, लिहाजा उसके बयानों में विरोधाभास है।

वहीं, सीबीआइ की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि अतीक अहमद समेत इस घटना में शामिल सभी अभियुक्त खतरनाक अपराधी हैं। जिनकी वजह से तमाम गवाहों को विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम के तहत रखा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय सीबीआइ को मामले की विवेचना का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि 29 दिसंबर, 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गों के जरिये गोमती नगर से उसका अपहरण करा लिया। तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया।

अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इनकार कर दिया, इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर और गुर्गे गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तमंचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा। उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। अतीक के गुर्गों ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।

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