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‘आदिपुरुष’ पर इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच सख्त, मनोज मुंतशिर सहित निर्देशक, निर्माता को पेश होने का आदेश

Adipurush controversy आदिपुरुष फिल्म विवाद मामले में 28 जून को हुई सुनवाई के पश्चात हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को आदेश पारित कर दिया। कोर्ट ने फिल्म निर्देशक ओम राउत निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर उर्फ मनोज शुक्ला को 27 जुलाई को अगली सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया है। इसके साथ ही पांच सदस्यों की टीम बनाने का आदेश दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 01 Jul 2023 12:09 PM (IST)
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Adipurush controversy: ‘आदिपुरुष’ पर HC सख्त, मनोज मुंतशिर सहित निर्देशक, निर्माता को पेश होने का आदेश
लखनऊ, विधि संवाददाता। आदिपुरुष फिल्म पर शुरू हुआ विवाद अब कोर्ट पहुंच चुका है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी फिल्म को लेकर अब सख्त रवैया अपनाया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अब विवादित फिल्म ‘आदिपुरुष’ के निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को तलब किया है।

आदिपुरुष फिल्म विवाद मामले में 28 जून को हुई सुनवाई के पश्चात हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को आदेश पारित कर दिया। कोर्ट ने फिल्म निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर उर्फ मनोज शुक्ला को 27 जुलाई को अगली सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया है।

कमेटी बनाकर सुनें फिल्म की शिकायत

कोर्ट ने केंद्र के सूचना व प्रसारण मंत्रालय को एक सप्ताह के भीतर पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर फिल्म से संबंधित सभी शिकायतों को सुनकर 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर दिए आदेश में कहा कि इस मामले में सेंसर बोर्ड ने अपना दायित्व ठीक से नहीं निभाया है और न ही सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने अपनी विधिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोई उचित कार्रवाई अब तक की है।

अगली सुनवाई में पेश करें रिपोर्ट

कोर्ट ने कहा कि मंत्रालय पांच सदस्यीय कमेटी में दो सदस्य ऐसे रखे जाएं जिन्हें वाल्मीकि रामायण व तुलसीकृत रामचरितमानस और दूसरे संबंधित धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान हो। कमेटी की रिपोर्ट अगली सुनवाई पर कोर्ट में भी दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन व सचिव सूचना व प्रसारण मंत्रालय का व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा है।

रामायण के चरित्रों को शर्मनाक तरीके से पेश किया

हाईकोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें बहुत कष्ट हो रहा है कि रामायण के चरित्रों को बहुत ही शर्मनाक तरीके से फिल्म में प्रदर्शित किया गया। यह पहली फिल्म नहीं है जिसमें हिंदू देवी-देवताओं का गलत चित्रण किया गया हो। इस गैरकानूनी व अनैतिक कृत्य को ना देखा गया तो आगे और भी संवेदनशील विषयों से छेड़छाड़ होगी।

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