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'शिव भक्ति के साथ-साथ आत्मानुशासन भी जरूरी', सीएम योगी की कांवड़ियों से अपील

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों से अनुरोध किया की कोई भी पर्व और त्योहार बिना आत्म अनुशासन के पूरी नहीं होती है। सुरक्षित यात्रा के लिए हमें अंत करण के साथ-साथ बाहरी प्रक्रिया से पूरी तरह लीन होना होगा। शिव बनने के लिए हमें शिव जैसी साधना चाहिए। उन्होंने कहा- केंद्र व राज्य सरकार कांवड़ यात्रा के लिए उपाय किया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 29 Jul 2024 11:55 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू होने से पहले कहा कि मानसून सत्र में मैं सभी दलों के जनप्रतिनिधियों का स्वागत करता हूं।

कहा, हम सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में फरवरी में ही अपना बजट पास कर लिया था। मानसून सत्र में पहला अनुपूरक बजट पेश होगा।

उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जिन ऊंचाइयों को प्राप्त किया वह अविस्मरणीय है। सदन की कारवाई सुचारू रूप से चले। सत्ता पक्ष व विपक्ष के सभी सदस्यों से इसकी अपेक्षा करूंगा।

चर्चा के लिए तैयार सरकार

विपक्षी दलों के सदस्य प्रदेश के विकास से जुड़ी जिन मांग को उठाएंगे, सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है। विकास कार्यों का सकुशल संचालन हो सके, इसके लिए सभी सदस्यों से अपील है कि वे अपना सकारात्मक सहयोग दें।

कहा कि पवित्र सावन मास में एक तरफ कांवड़ यात्रा चल रही है और दूसरी ओर जनता की सेवा के लिए जनप्रतिनिधि विकास कार्यों से जुड़े मुद्दों पर सकारात्मक बहस के लिए तैयार हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कहा- शिव भक्ति के साथ-साथ आत्म अनुशासन भी जरूरी है। कांवड़ यात्रा के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा उचित व्यवस्था की गई है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। साथ ही पुलिस भी नजर रख रही है।

कांवड़ियों से सीएम योगी की अपील

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- मैं सभी श्रद्धालुओं से विनम्र अनुरोध कर रहा हूं, कोई भी पर्व और त्योहार बिना आत्म अनुशासन के पूरी नहीं होती है। सुरक्षित यात्रा के लिए हमें अंत: करण के साथ-साथ बाहरी प्रक्रिया से पूरी तरह लीन होना होगा। शिव बनने के लिए हमें शिव जैसी साधना चाहिए। तब यह कांवड़ यात्रा आमजन के व्यापक विश्वास के प्रतीक के रूप में निखरेगी।

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