Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

69 हजार शिक्षक भर्ती वालों में कहीं खुशी तो कहीं गम, आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की बढ़ी धुकधुकी

सुप्रीम कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के निर्णय पर स्थगन आदेश दिया है जिससे आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है। हाईकोर्ट ने आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने और नई मेरिट सूची बनाने का आदेश दिया था लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत मिली है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 10 Sep 2024 03:59 AM (IST)
Hero Image
दोनों ही पक्ष अपनी बात को मजबूती से सुप्रीम कोर्ट में रखने की तैयारी में जुट गए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्थगन आदेश दिए जाने और अगली सुनवाई 23 सितंबर को किए जाने के निर्णय से आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की धुकधुकी बढ़ गई है। 

अभी हाईकोर्ट के निर्णय अगर लागू होता तो आरक्षण की विसंगति दूर कर नई मेरिट बनती और उन्हें लाभ मिलता। फिर भी उन्हें आगे न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी जो हाईकोर्ट के निर्णय से मायूस थे, उन्हें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत मिली। वह खुश नजर आए। फिलहाल, दोनों ही पक्ष अपनी बात को मजबूती से सुप्रीम कोर्ट में रखने की तैयारी में जुट गए हैं।

राज्य सरकार ने नहीं लिया ठोस निर्णय

आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी अमरेन्द्र पटेल ने कहा कि आरक्षण को लागू करने में विसंगतियां हुई हैं और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि कर चुका है। वहीं हाईकोर्ट ने भी बीते 13 अगस्त 2024 को आरक्षण की विसंगतियों को दूर कर नई मेरिट सूची बनाने का आदेश दिया था। 

राज्य सरकार को तीन महीने का समय इसके लिए दिया गया था, लेकिन करीब एक महीना बीतने के बावजूद भी अभी तक राज्य सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई। अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए। फिलहाल अब वह पूरी दमदारी के साथ अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में भी रखेंगे।

मजबूत तथ्य रखेगा अनराक्षित वर्ग

उधर, अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी रोबिन सिंह, प्रत्यूष चंद्र मिश्रा व रवि सक्सेना का कहना है कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फौरी राहत मिली है। आगे पूरा न्याय मिलेगा। रोबिन सिंह कहते हैं कि राज्य स्तरीय मेरिट नहीं बल्कि इसमें नियोक्ता बेसिक शिक्षा अधिकारी होता है और जिला स्तरीय मेरिट बनती है। ऐसे में आरक्षण भी जिला स्तर पर उपलब्ध पदों के आधार पर ही लगेगा। ऐसे ही कई तथ्य वह मजबूती से वहां रखेंगे।

मालूम हो कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी 16 अगस्त को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरने पर बैठ गए थे। वह जल्द आरक्षण की विसंगतियां दूर कर मेरिट सूची बनाने की मांग कर रहे हैं। 

वहीं अनारक्षित श्रेणी के वह शिक्षक जो बीते चार वर्ष से नौकरी कर रहे हैं, उन्होंने भी प्रदर्शन किया। फिलहाल हाईकोर्ट ने तीन महीने यानी राज्य सरकार को 13 नवंबर तक नई मेरिट सूची बनाने का समय दिया था। वह अभी इस पर मंथन कर रही थी कि अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। 

69 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए पांच दिसंबर वर्ष 2018 को विज्ञापन निकाला गया। पांच जनवरी वर्ष 2019 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई और एक जुलाई 2020 को परिणाम जारी हुआ। उसके बाद आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी आरक्षण की विसंगतियां गिनाकर आंदोलन करने लगे।

यह भी पढ़ें: 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अनुप्रिया पटेल ने कहा- आरक्षित श्रेणी के शिक्षक अभ्यर्थियों को न्याय दिलाए सरकार