Move to Jagran APP

UP News: पहले गाड़ी पलटी अब पलट गई बाइक! ये हैं यूपी के दो सबसे चर्चित एनकाउंटर, पढ़ें दोनों में समानताएं

मुठभेड़ उस समय हुई जब प्रयागराज के कोर्ट में अतीक की पेशी होने जा रही थी। अतीक कोर्ट रूम में ही था जब उसे बेटे असद के मारे जाने की खबर मिली। यह सुनते ही उसने सिर थाम लिया और फफककर रो पड़ा।

By Narender SanwariyaEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Fri, 14 Apr 2023 07:50 AM (IST)
Hero Image
पहले गाड़ी पलटी अब पलट गई बाइक! ये हैं यूपी के दो सबसे चर्चित एनकाउंटर, पढ़ें दोनों में समानताएं
लखनऊ, अनलाइन डेस्क। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और विकास दुबे के एनकाउंटर में कई समानताएं हैं। दोनों ही बदमाशों ने यूपी पुलिस पर हमला किया था और कई पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। पुलिस से ये दुश्मनी दोनों को भी भारी पड़ी। दोनों ही पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। पहले भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठे थे और इस बार भी सवाल उठ रहे हैं।

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के 47 दिन बाद माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी में मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ उस समय हुई, जब प्रयागराज के कोर्ट में अतीक की पेशी होने जा रही थी। अतीक कोर्ट रूम में ही था, जब उसे बेटे असद के मारे जाने की खबर मिली। यह सुनते ही उसने सिर थाम लिया और फफककर रो पड़ा।

पांच-पांच लाख के इनामी असद व गुलाम दो दिन पूर्व ही झांसी आए थे और पारीछा बिजली घर के पास शरण ले रखी थी। एसटीएफ ने भनक लगते ही घेरेबंदी शुरू कर दी। बिना नंबर की बाइक पर सवार होकर दोनों दोपहर करीब 12:30 बजे अपने ठिकाने से निकले।

पारीछा बांध के पास एसटीएफ की दो टीमों ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का दावा है कि एसटीएफ के रोकने पर असद व गुलाम ने पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में दोनों मारे गए। दोनों के पास से ब्रिटिश बुलडाग रिवाल्वर (.455 बोर), वाल्थर पी-88 पिस्टल (7.63 बोर) व एक देसी पिस्टल (.32 बोर) बरामद हुई है।

इससे पहले तक ये अटकलें लग रही थीं कि अतीक अहमद का एनकाउंटर किया जाएगा। देश की पूरी मीडिया अतीक अहमद की गाड़ी का पीछा करती रही, लेकिन यूपी पुलिस ने उसके बेटे का एनकाउंटर कर दिया। इस बीच एक बार फिर बदमाश विकास दुबे के एनकाउंटर की भी चर्चा शुरू हो गई है। उस समय गाड़ी पलटी थी और इस बार बाइक पलट गई है।

विकास दुबे को सरेंडर करने के बाद मध्य प्रदेश से यूपी लाया जा रहा था तब उसकी गाड़ी पलट गई थी। इसके बाद यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा और विपक्ष ने भी इस पर कई सवाल उठाए थे। इसके बाद बदमाशों में इसका खौफ नजर आने लगा है। यही कारण है कि जब अतीक अहमद को पहली बार साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था तो उसके एनकाउंटर की चर्चा चल रही थी, लेकिन गुरुवार को झांसी में बाइक से जा रहे असद और गुलाम को यूपी पुलिस ने मार गिराया। विकास दुबे और असद के एनकाउंटर में कई समानताएं हैं। जैसे दोनों ही बदमाशों ने यूपी पुलिस पर हमला किया था। दोनों ही पुलिस को चकमा देकर फरार रहे और दोनों का ही यूपी पुलिस ने एनकाउंटर किया।

तब जाति को मुद्दा बनाया गया था तो अब मजहब पर राजनीति हो रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि समाज को बांटने के लिए असद के मुठभेड़ को राजनीतिक लोग हिंदू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि इन लोगों को जनता ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इन नेताओं ने ऐसे लोगों को संरक्षण न दिया होता तो यह दिन नहीं देखना पड़ता।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।