Asad Ahmed Encounter: उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस मुठभेड़ जांच में सही मिली, असद अहमद को मिला था मौका
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में शामिल माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर में मारे जाने की घटना की न्यायिक आयोग ने जांच की। जांच के बाद आई रिपोर्ट में न्यायिक आयोग ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस की मुठभेड़ को अपनी जांच रिपोर्ट में सही ठहराया है। बता दें कि तीन स्थान पर मुठभेड़ हुई थी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। न्यायिक आयोग ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस की मुठभेड़ को अपनी जांच रिपोर्ट में सही ठहराया है। अलग-अलग स्थान पर तीन मुठभेड़ हुई थीं, जिसमें माफिया अतीक का बेटा असद, शूटर गुलाम, विजय कुमार चौधरी उर्फ उस्मान और कार चालक अरबाज की मौत हुई थी।
मुठभेड़ की जांच के लिए आयोग गठित किया गया था, जिसका अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राजीव लोचन मेहरोत्रा को बनाया गया और सदस्य के रूप में पूर्व डीजीपी विजय कुमार गुप्ता रहे।
पुलिस ने दिया था मौका लेकिन…
विधानसभा में गुरुवार को पेश की गई न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों मामले पुलिस की अभियुक्तों से मुठभेड़ हुई, जिसमें फायरिंग की शुरुआत आरोपियों ने की थी।पुलिस ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। एसटीएफ और पुलिस की आत्मरक्षार्थ फायरिंग में अभियुक्तों की मौत हुई। पुलिस पार्टी का यह कृत्य उन्हें विधि द्वारा दिए गए आत्मरक्षा के अधिकार के अंतर्गत आता है।
आरोपियों पर था पांच लाख का इनाम
आयोग ने कहा कि तीनों मुठभेड़ की घटनाएं वास्तविक हैं और संदेह से परे हैं। पुलिसकर्मियों की कोई दुर्भावना, व्यक्तिगत स्वार्थ, षड्यंत्र अथवा दोष होना नहीं पाया गया।24 फरवरी 2023 की शाम उमेश पाल और उनके दो अंगरक्षकों की गोली, बम मारकर हत्या की गई थी। मुकदमे में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
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