Ayushman card: आशा वर्कर अब के चेहरे का सत्यापन कर झटपट बनाएंगी आयुष्मान कार्ड, मौके पर पूरी होगी औपचारिकता
PMJAY अब आशा कार्यकर्ता आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की पहचान कर उनका कार्ड बना सकेंगी। उनके पास टैबलेट पर उनके क्षेत्र के लाभार्थियों की सूची होगी और मौके पर ही आधार कार्ड और चेहरे की मदद से सत्यापन कर उसका आयुष्मान कार्ड बनाएंगी।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 05:19 PM (IST)
PM Jan Arogya Yojana: लखनऊ [आशीष त्रिवेदी]। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) के लाभार्थियों के कार्ड अब चेहरे का सत्यापन कर आशा वर्कर (Asha Workers) झटपट बनाएंगी। फेसियल रिकाग्निशन तकनीक (Facial recognition technology) यानी व्यक्ति के चेहरे के सत्यापन की मदद से आयुष्मान कार्ड बनाना आसान होगा।
आशा वर्कर के पास टैबलेट पर उनके क्षेत्र के लाभार्थियों की सूची पहले से मौजूद होगी और मौके पर ही आधार कार्ड और चेहरे की मदद से सत्यापन कर उसका आयुष्मान कार्ड बनाएंगी। इस योजना के तहत एक वर्ष में एक परिवार को पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश में आयुष्मान योजना के कुल 8.5 करोड़ लाभार्थी हैं और अब तक 2.06 करोड़ के ही कार्ड बनाए गए हैं। करीब 25 प्रतिशत लाभार्थियों के पास ही कार्ड हैं। ऐसे में नेशनल हेल्थ अथारिटी द्वारा कार्ड बनाने के काम में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।
स्टेट एजेंसी फार कांप्रिहैंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जल्द इसकी एक से दो जिलों में टेस्टिंग शुरू की जाएगी। उसके बाद एक साथ सभी जिलों में लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस विधि से कार्ड बनाए जाने से किसी भी तरह के फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं होगी। यही नहीं कार्ड बनाने के काम में भी तेजी आएगी। आनलाइन कार्ड जेनरेट होने के बाद उसकी हार्ड कापी आशा वर्कर की मदद से ही लाभार्थियों को पहुंचाया जाएगा।
अभी उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आधार पर चिह्नित 1.26 करोड़ गरीब परिवारों के कुल 6.30 करोड़, 40 लाख अंत्योदय कार्डधारक परिवारों के 1.30 करोड़ लाभार्थी हैं। इसके साथ ही 75 लाख राज्य कर्मचारियों व उनके स्वजन को भी इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। इस तरह कुल 8.35 करोड़ लाभार्थी हैं।
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