Shubhanshu Shukla: 'खूब मेहनत करो, 2040 में मैं...', ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने छात्रों से क्या कहा?
लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का जोरदार स्वागत हुआ। छात्रों के उत्साह और जोश ने उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को कभी हार न मानने और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी। शुभांशु ने अपनी शिक्षिका गीता गांधी को याद किया और लखनऊ के स्वागत को दिल्ली से बेहतर बताया। उन्होंने बच्चों से 2040 में प्रतिस्पर्धा करने की बात कही।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। गोमतीनगर विस्तार के सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का स्वागत बच्चों के उत्साह और जोश से गूंज उठा। हजारों छात्र-छात्राओं के बीच संवाद में शुभांशु ने कहा, मुझे और लाउड जोश चाहिए।
''''हाऊ इज द जोश'''' हाई सर, हाई सर पर शुभांशु वाह वाह बोल उठे। पूरा भारत तुम्हें सुन रहा था। उन्होंने बताया कि आने से पहले वह थके हुए थे, लेकिन बच्चों की ऊर्जा और चेहरों पर पसीने के साथ जोश ने उनकी थकान मिटा दी। तुम्हारी खुशी देख मैं चकित हूं, शुभांशु ने मुस्कुराते हुए कहा।
उन्होंने अपनी स्कूली यादें ताजा कीं और बताया कि परेड उन्हें पसंद नहीं थी, लेकिन बच्चों की प्रस्तुतियों ने उनका दिल जीत लिया। इतना हुनर मुझमें नहीं। तुम मुझसे भी आगे जाओगे, उन्होंने प्रेरित करते हुए कहा। शुभांशु ने जोर दिया कि परिसर्वरेंस ही सफलता की कुंजी है।
उन्होंने स्कूल की शिक्षिका गीता गांधी का जिक्र किया, जिन्होंने उन्हें कभी हार न मानने की सीख दी। गीता मैम ने मुझे इतना परेशान किया कि मैं लखनऊ आया, लेकिन इसका मतलब था नेवर गिव अप। तुम भी कभी हार मत मानना।
जब एक बच्चे ने पूछा कि वह अंतरिक्ष यात्री कैसे बने, तो शुभांशु ने जवाब दिया, यह मन में होता है। कड़ी मेहनत करो। मैं 2040 में तुमसे कम्पटीशन करूंगा। उन्होंने दिल्ली के स्वागत की तुलना में लखनऊ को अलग लेवल बताया।
बच्चों की प्रस्तुतियों, भजनों और देशभक्ति से भरे माहौल ने उन्हें भावुक कर दिया। शुभांशु ने कहा, इस स्कूल ने मुझे नेवर गिव अप सिखाया। तुम्हारा जोश देखकर लगता है, हम बहुत आगे जाएंगे।
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