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अब अतीक को हो रहा मलाल, वारदात के दिन करीबी को फोन करके कहा था- बड़ी गलती हो गई...

Umesh Pal Murder Case साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद को लखनऊ लाने की तैयारी जल्द पुलिस सीधे करेगी पूछताछ - उमेश पाल के बढ़ते रसूख से गहराई दुश्मनी व पांच करोड़ के लेनदेने की दिशा में भी जांच (Photo- Jagran)

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Tue, 07 Mar 2023 10:46 AM (IST)
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बाहुबल के दम विधानसभा तक जा पहुंचे माफिया को अब अपनी उस गलती का हो रहा है एहसास

 राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल को दिनदहाड़े मार गिराने के बाद अब माफिया अतीक अहमद गिरोह को उसका दुस्साहस भारी पड़ रहा है।

पुलिस ने घटना में शामिल दूसरे बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराया है। बाहुबल के दम पर लोकसभा व विधानसभा तक जा पहुंचे माफिया अतीक अहमद को अब अपनी उस गलती का एहसास हो रहा है, जिसने उसके खौफ की जमीन को दरकाना शुरू कर दिया है।

सूत्रों का कहना कि वारदात के बाद अतीक अहमद ने अपने एक बेहद करीबी से संपर्क साधा था, उस दौरान अतीक ने कहा था कि बड़ी गलती हो गई।

विधानमंडल सत्र चल रहा था, इस दौरान यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। उमेश पाल न सिर्फ मुख्य गवाह था, बल्कि राजू पाल की हत्या के मुकदमे में अतीक अहमद गिरोह के विरुद्ध खड़ा सबसे अहम पैराकोर भी था।

हालांकि पुलिस इस प्रमुख वजह के साथ ही उमेश पाल की हत्या के पीछे दो अन्य कारणों की छानबीन में भी जुटी है। यह बात भी सामने आई है कि उमेश पाल ने कोर्ट में अतीक अहमद के विरुद्ध अपनी पैरवी को ढीला करने के बदले लगभग पांच करोड़ रुपये लिए थे और उसके बाद वह मुकर गया था।

पुलिस को अभी इसका कोई पुख्ता प्रमाण तो नहीं मिला है पर उसने कई लोगों से इसे लेकर लंबी पूछताछ जरूर की है।

इसके अलावा उमेश पाल अपना रसूख भी लगातार बढ़ा रहा था और कुछ विवादित जमीनों को लेकर भी उसकी अतीक गिरोह से ठन चुकी थी। अतीक अहमद गिरोह के लिए उमेश पाल की हत्या के पीछे एक बड़ी वजह अपने दबदबे को बनाए रखने की भी थी।

पुलिस इन दोनों दिशाओं में भी जांच के कदम बढ़ा रही है। पुलिस को इस बात का भी पूरा यकीन हो चुका है कि उमेश पाल की हत्या से पहले अतीक अहमद गिरोह ने पूरा रिर्हसल किया था।

घटना के समय कौन क्या करेगा, यह भूमिकाएं भी पूर्व निर्धारित थीं। गोली के साथ बम का इस्तोल भी सोची समझी साजिश का हिस्सा था। बस, घटना के लिए चुना गया समय अतीक अहमद गिरोह के लिए उल्टा पड़ गया।

सत्र के दौरान हुई वारदाता को विपक्ष ने सदन में जिस जोरशोर से उठाया, उसके बाद सरकार ने भी कार्रवाई के कदम उतनी ही धमक के साथ बढ़ाए। पुलिस अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से लाने के लिए भी अपनी तैयारी तेजी से कर रही है।

घटना के बाद विवेचना के पर्चे काटे जाने के साथ ही अतीक के विरुद्ध साबरमती जेल में जल्द वारंट बी दाखिल कराया जाएगा। इसके साथ ही प्रयागराज पुलिस गुजराज कोर्ट में उसे पुलिस रिमांड पर लेने के लिए प्रार्थनापत्र दाखिल करेगी।

कमिश्नरेट बनने के बाद तेजी

प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट का गठन होने के बाद जब वहां खाकी नई व्यवस्था के तहत अपने कामों में व्यस्त थी, उसी दौरान उमेश पाल व अतीक अहमद गिरोह ने भी अपनी तेजी बढ़ाई थी और अवैध जमीनों से जुड़े व काम को तेज किया था। तब नए अधिकारियों के पहुंचने पर भी दोनों पक्षों ने उनसे अपने-अपने ढ़ंग से संपर्क व पैरवी आरंभ की थी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि वाराणसी में भी पुलिस कमिश्नरेट बनने के तत्काल बाद कुछ व्यवहारिक दिक्कतें सामने आई थीं और माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य गिरोह ने शुरुआती दिनों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी।

पश्चिम बंगाल में शूटरों के छिपे होने की आशंका

पुलिस जांच में सामने आया है कि उमेश पाल की हत्या के बाद गुड्डू मुस्लिम व गुलाम समेत वारदात में शामिल अन्य शूटर पहले भागकर सैदाबाद क्षेत्र में एक स्थान पर इकट्ठा हुए थे और उसके बाद सब अलग-अलग हो गए थे।

घटना से पहले भी पूरी प्लानिंग में केवल तीन लोग ही शामिल थे। अन्य लोगों को समय-समय पर अलग-अलग स्थान पर बुलाकर उनकी भूमिका बताई गई थी। आशंका है कि शूटर पश्चिम बंगाल में यार्ड क्षेत्र में शरण लिए हैं। हत्यारों की तलाश में एसटीएफ, प्रयागराज व अन्य जिलों की 15 से अधिक टीमें सक्रिय हैं।