Atiq Ashraf Shootout: माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड में पुलिस को क्लीन चिट, न्यायिक आयोग ने किए कई खुलासे
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की रिपोर्ट गुरुवार को वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में पुलिस को क्लीन चिट देते हुए कहा गया कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या राज्य/पुलिस अधिकारियों के इशारे पर नहीं हुई थी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के मामले में पुलिस को क्लीन चिट मिल गई है। पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन हुआ था।
आयोग की रिपोर्ट गुरुवार को वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अप्रैल, 2023 को मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन अस्पताल) में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या राज्य/पुलिस अधिकारियों के इशारे पर नहीं हुई थी।
घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और न ही अभिरक्षा में लापरवाही बरती गई थी। इसके संबंध में आयोग को कोई साक्ष्य भी नहीं मिला। घटना अचानक हुई। मिलीभगत की बात सत्य नहीं पाई गई। प्रयागराज पुलिस ने हर संभव सावधानी बरती थी और पर्याप्त पुलिस बल सुरक्षा में लगाया गया था।
रिपोर्ट में बताया गया पूरा घटनाक्रम
धूमगनंज में 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल, उनके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर पुलिस ने माफिया अतीक, अशरफ समेत कई अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने अतीक को साबरमती और अशरफ को बरेली जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया था। अदालत ने दोनों भाइयों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था।
पूछताछ और पड़ताल में जुटी पुलिस 15 अप्रैल 2023 की शाम कसारी-मसारी के जंगल से पिस्टल और पांच पाकिस्तानी कारतूस बरामद कराने के बाद दोनों को लेकर लौट रही थी। इसी बीच शूटर लवलेश, सनी और अरुण मीडियाकर्मी बनकर उनका पीछा करते रहे। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए दोनों भाइयों को काल्विन अस्पताल ले जाया गया तो गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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