एटीएस ने गोपनीय सूचनाएं बेचने वाले को दबोचा, क्रिप्टोकरेंसी में करता था सौदा… अब तक कमाए लाखों रुपये
डार्क वेब से संवेदनशील सूचनाएं जुटाकर पाकिस्तान और अन्य देशों में बेचने वाले नूर आलम को उत्तर प्रदेश एटीएस ने बलरामपुर से गिरफ्तार किया है। उसके मोबाइल में कई प्रतिष्ठित संस्थानों बम बनाने के फार्मूले बैंक पैन और आधार कार्ड का डाटा मिला है। वह टेलीग्राम चैनल के माध्यम से कई देशों के नागरिकों के संपर्क में था और संवेदनशील सूचनाओं के बदले क्रिप्टोकरेंसी हासिल करता था।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने डार्क वेब से वैज्ञानिक संस्थानों की गोपनीय सूचनाएं व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाकर उन्हें पाकिस्तान व अन्य देशों में बेच रहे बलरामपुर निवासी नूर आलम को गिरफ्तार किया है। उसके मोबाइल फोन से कई प्रतिष्ठित संस्थानों, बम व विस्फोटक बनाने के फार्मूले, बैंक, पैन व आधार कार्ड का डाटा मिला है।
एटीएस अधिकारियों के अनुसार, टेलीग्राम चैनल के माध्यम से वह कई देशों के नागरिकों के संपर्क में था, इनमें सर्वाधिक पाकिस्तानी नागरिक हैं। वह संवेदनशील सूचनाओं के बदले क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से कमाई कर रहा था। एटीएस उसके मोबाइल की फोरेंसिक जांच करा रहा है।
एटीएस अधिकारियों के अनुसार, गोपनीय सूचनाओं के आधार पर की गई छानबीन के बाद आरोपी नूर आलम को श्रावस्ती में बुलाकर पूछताछ की गई और गिरफ्तार कर लिया गया। छानबीन में सामने आया कि वह टेलीग्राम एप्लीकेशन पर कई ग्रुप से जुड़ा था।
इनके माध्यम से वह डार्कवेब पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के संवेदनशील डाटा को डाउनलोड करने के लिंक हासिल करता था, जिसके बाद वह डार्क वेब से डाटा डाउनलोड कर उसे टेलीग्राम पर बनाए गए निजी ग्रुप पर साझा करता था।
इस ग्रुप में उसने विभिन्न देश के लोगों को रकम लेकर जोड़ा था। वह सूचनाओं के बदले क्रिप्टोकरेंसी हासिल करता था, जिन्हें वह क्रिप्टो एक्सचेंज एप्लीकेशन के माध्यम से अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करता था।
10 लाख रुपये हासिल कर चुका था आरोपी
एटीएस के अनुसार, वह अब तक सूचनाएं बेचकर 10 लाख रुपये हासिल कर चुका था। वह पहचान बदलकर इंटरनेट मीडिया के कई प्लेटफार्म पर चैट भी करता था, जिससे नए लोगों को अपने जाल में फंसा सके।
एटीएस ने नूर आलम के विरुद्ध आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। छानबीन के बाद उसके खिलाफ विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किए जाने की तैयारी है। एटीएस को संदेह है कि वह आतंकियों व साइबर अपराधियों के भी सीधे संपर्क में था। इसे लेकर और गहनता से पड़ताल की जा रही है। उसने किस-किस तरह की सूचनाएं किन-किन लोगों को बेची हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
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