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Ayodhya Ram Mandir News: राफ्ट स्टोन प्रणाली से तैयार होगी राम मंदिर की नींव

Ayodhya Ram Mandir News इससे पहले सौ फीट तक गहरे और एक मीटर व्यास वाले 1200 स्तंभों पर किया जाना था मंदिर की नींव का निर्माण। टेस्ट पाइलिंग की रिपोर्ट अनुकूल न आने पर अन्य विकल्पों पर किया गया विचार।

By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Wed, 30 Dec 2020 04:01 PM (IST)
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Ayodhya Ram Mandir News: टेस्ट पाइलिंग की रिपोर्ट अनुकूल न आने पर अन्य विकल्पों पर किया गया विचार।
अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। Ayodhya Ram Mandir News: कालजयी राममंदिर को लेकर लंबे समय तक चले विचार विमर्श के बाद मंदिर की नींव कंटीन्युअस राफ्ट स्टोन प्रणाली से तैयार करने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार को नई दिल्ली के तीनमूर्ति भवन में हुई मंदिर निर्माण समिति की बैठक में विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय हुआ।

इससे पहले मंदिर की नींव का निर्माण सौ फीट तक गहरे और एक मीटर व्यास वाले 1200 स्तंभों पर किया जाना था। टेस्ट पाइलिंग की रिपोर्ट अनुकूल न आने पर अन्य विकल्पों पर विचार करते हुए इस संबंध में सुझाव देने के लिए दिल्ली आइआइटी के पूर्व निदेशक वीएस राजू की अध्यक्षता में देश के आठ शीर्ष टेक्नोक्रेटस की समिति गठित की गई थी। समिति ने गत सप्ताह मंदिर निर्माण समिति को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मंदिर की नींव तैयार करने के लिए दो प्रणालियां सुझायी थीं, जिसमें पहली वाइब्रोस्टोन कॉलम थी, जबकि दूसरा विकल्प कंटीन्युअस राफ्ट स्टोन बताया गया था। 

मंगलवार को दो सत्रों में हुई मंदिर निर्माण समिति की उपसमिति की बैठक में दूसरी प्रणाली को चुनने का निर्णय लिया गया। इस प्रणाली में एक निश्चित गहराई तक भूमि की खोदाई कर पत्थर, बालू व चूने की सतहें बिछाई जाती हैं। फिर उस पर दबाव डालकर मजबूत किया जाता है। इसके ऊपर प्लेटफार्म तैयार कर निर्माण किया जाता है। राफ्ट स्टोन प्रणाली का प्रयोग प्राचीन काल में पत्थर की विशाल इमारतों जैसे किले और महल की नींव तैयार करने में होता रहा है। बैठक में उपसमिति की अध्यक्ष गोविंद देव गिरि, ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्र मोहन मिश्र व डॉ. अनिल मिश्र के अलावा एलएंडटी व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर शामिल रहे। 

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