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Ayodhya Ram Mandir :रामनगरी अयोध्या में शिलाओं से निर्मित छह प्रवेश द्वार करेंगे आने वालों का स्वागत

Ram Mandir Ayodhya अयोध्या में छह जिलों से प्रवेश करने वाले लोग प्रवेश द्वारों पर पहुंचते ही लोग बेहद आनंद की अनूभूति करेंगे। माना जा रहा है कि यह प्रवेश द्वार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही रामनगरी को नई पहचान देंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 12 Jun 2021 10:07 AM (IST)
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प्रवेश द्वार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही रामनगरी को नई पहचान देंगे।
अयोध्या [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों बीते वर्ष पांच अगस्त को नींव का पत्थर रखे जाने के बाद से रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी रूपरेखा ऐसी तैयार की गई है कि यहां पर आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाएं। अयोध्या में छह जिलों से प्रवेश करने वाले लोग प्रवेश द्वारों पर पहुंचते ही लोग बेहद आनंद की अनूभूति करेंगे। माना जा रहा है कि यह प्रवेश द्वार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही रामनगरी को नई पहचान देंगे।

अथर्व वेद में वर्णित नौ द्वार वाली अयोध्या के स्वरूप को रामनगरी के पुनर्निमाण में भी प्रमुखता से स्थान देने की कोशिश चल रही है। अभी नौ द्वारों में छह द्वारों के निर्माण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। रामनगरी के पुनर्निमाण को लेकर संतों की राय पर इसे साकार करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। विजन डॉक्यूमेंट में इस परिकल्पना को स्थान मिला है।

इसके लिए रामनगरी को प्रयागराज, गोंडा, वाराणसी, लखनऊ, रायबरेली व गोरखपुर से जोडऩे वाले मार्गों पर इन द्वारों का निर्माण प्रस्तावित है। इन प्रवेश द्वार की डिजाइन सिक्स लेन, फोर लेन तथा टू लेन सड़कों को ध्यान में रखकर की जा रही है। एक प्रवेश द्वार की अनुमानित लागत दस से 15 करोड़ रुपया आने की संभावना है।

विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष विशाल ङ्क्षसह की देखरेख में ग्लोबल कंसल्टेंट एजेंसी ली एसोसिएट््स ने इसकी रूपरेखा तैयार की है। प्रवेश द्वारों की प्रारंभिक डिजाइन तैयार कर गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक में प्रस्तुत की गई थी। इस डिजाइन को अभी फाइनल नहीं किया गया है। विजन डॉक्यूमेंट से जुड़े जानकारों की माने तो अभी छह द्वारों का निर्माण करने की योजना है। तीन और द्वारों के निर्माण की गुंजाइश तलाशी जा रही है। निकट भविष्य में इन तीन द्वारों का निर्माण भी कराने का प्रयास होगा। धर्मनगरी में बनने वाले प्रवेश द्वार भी भगवान राम और उनके सेवक तथा सहयोगियों के नाम पर होंगे।

प्रवेश द्वारों की डिजाइन सिक्स लेन, फोर लेन और टू लेन मार्गों को ध्यान में रख कर तैयार की जा रही है। ये द्वार शिलाओं से निर्मित होंगे। इन शिलाओं की खासियत राममंदिर में प्रयुक्त होने वाले पत्थरों की तरह होगी। एक प्रवेश द्वार की अनुमानित लागत दस से 15 करोड़ रुपये है। प्रवेश द्वार के पास ही सुव्यवस्थित धर्मशालाएं भी बनाई जाएंगी। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल ङ्क्षसह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप रामनगरी को आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसी क्रम में रामनगरी की सीमा पर छह भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण प्रस्तावित है। इनकी डिजाइन तैयार कराई जा रही है।

प्रवेश द्वारों के नाम

  • लखनऊ मार्ग-श्रीराम द्वार
  • गोरखपुर मार्ग-हनुमान द्वार
  • गोंडा मार्ग-लक्ष्मण द्वार
  • प्रयागराज मार्ग-भरतकुंड के निकट भरत द्वार
  • वाराणसी मार्ग-जटायु द्वार
  • रायबरेली मार्ग-गरुड़ द्वार
इन स्थानों पर बनेंगी धर्मशाला

  1. -लखनऊ मार्ग पर मुमताजनगर और घाटमपुर के बीच-600 कमरे
  2. -रायबरेली मार्ग पर मऊ यदुवंशपुर में-200 कमरे
  3. -प्रयागराज मार्ग पर मैनुद्दीनपुर में -200 कमरे
  4. आजमगढ़ मार्ग पर दशरथसमाधि स्थल के निकट-250 कमरे
  5. -गोंडा मार्ग पर कटरा के पास-370 कमरे
  6. -गोरखपुर मार्ग-स्थल चयन की प्रक्रिया जारी। 
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