Move to Jagran APP

2024 में भी बन सकता है Ayushman Card, कोई अस्पताल इलाज करने से मना करे तो टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत

देशभर में करोड़ों लोग केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत रोगी को पांच लाख रुपये का एक कार्ड जारी किया जाता है। हालांकि कई अस्पताल इलाज करने से मना करते हैं या फिर पैसे मांगते हैं। ऐसे में आप टोल फ्री नंबर 14555/180018004444 पर और पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

By Vikash Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 31 Jul 2024 06:56 PM (IST)
Hero Image
2024 में भी बन सकता है Ayushman Card
विशाल मिश्रा, लखनऊ। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ देशभर में करोड़ों मरीजों को मिल रहा है। सरकारी के साथ निजी अस्पताल में गंभीर रोग का उच्चस्तरीय इलाज मुहैया कराया जा रहा है। आयुष्मान योजना के तहत रोगी को पांच लाख रुपये का एक कार्ड जारी किया जाता है। पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में कार्डधारक इलाज करा सकता है, लेकिन अक्सर देखने में आता है कि सूची में शामिल निजी अस्पताल इलाज करने से इनकार देते हैं।

यदि अस्पताल उपचार करने से मना करता है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। पीड़ित टोल फ्री नंबर 14555/180018004444 पर और पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 24 से 48 घंटे के भीतर नियमानुसार कार्रवाई करने का प्रावधान है। जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद संबंधित अस्पताल को पैनल से हटाने के साथ लाइसेंस भी निरस्त किया जाता है। ये बातें आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डा. विनय मिश्र ने दी। उन्होंने बुधवार को दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम के तहत कई पाठकों के सवालों के जवाब दिए।

क्या आयुष्मान कार्ड के लिए राशन कार्ड होना जरूरी है? -शालिनी, लखनऊ

बिल्कुल। बिना राशन कार्ड आयुष्मान कार्ड नहीं बनेगा। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह प्रविधान नहीं है। अगर आपके पास श्रम कार्ड या अंत्योदय राशन कार्ड है तो भी आप लाभार्थी बन सकते हैं।

आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद निजी अस्पतालों में इलाज के लिए दिक्कतें आती हैं? -नितिन तिवारी, सुलतानपुर

आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इलाज बिल्कुल मुफ्त है। अस्पताल कार्डधारक मरीजों से राशि नहीं वसूल सकते हैं। आप मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीधे शिकायत कर सकती हैं। साथ ही बिल भी प्रस्तुत करें। इसके अलावा टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत जरूर दर्ज कराएं। समयावधि में कार्रवाई होगी। राशन कार्ड नहीं है। कुछ समय पहले पति कीडनी की बीमारी से पीड़ित हैं।

क्या अब आयुष्मान कार्ड बन सकता है? -विमला शर्मा, लखनऊ

आप एक बार सिविल अस्पताल के आयुष्मान हेल्प डेस्क पर अपनी पात्रता पता कर लें। आप दोनों वरिष्ठ नागरिक हैं। जरूरी दस्तावेज से आपका अंत्योदय राशन कार्ड बन सकता है, जिसके आधार पर आयुष्मान कार्ड भी बन जाएगा।

डेढ़ साल पहले मुझे कैंसर का पता चला। इलाज चल रहा है। निजी अस्पताल ने 10 लाख का खर्च बताया है, लेकिन कार्ड की सीमा सिर्फ पांच लाख है। क्या अपना इलाज यूपी के बाहर करवा सकते हैं? -राजकुमार सिंह, अमेठी

पूरे परिवार का आयुष्मान कार्ड बनता है, जिसमें हर साल पांच लाख तक के इलाज का खर्च सरकार उठाती है। वैसे कार्ड किसी भी राज्य के अस्पताल में चल सकता है। हर साल सरकार कार्ड को रीचार्ज कर देती है। इसलिए आप परेशान न हों और अपना उपचार कराएं।

आयुष्मान कार्ड के लिए क्या पात्रता है? कैसे बनेगा? -नमिता सक्सेना, लखनऊ

आप अपने नजदीकी सीएचसी-पीएचसी जाकर सीएचओ के जरिए पूरी जानकारी ले सकती हैं। अगर राशन कार्ड बना है और उसमें छह सदस्य पंजीकृत हैं तो आपका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा। कई बार कार्ड होने के बाद भी नाट जनरेटेड लिखकर आता है। केवाईसी न होने से ऐसा होता है। ऐसे में आप जिला अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में तैनात आरोग्य मित्र से संपर्क कर समस्या का निदान करा सकते हैं।

अगर राशन कार्ड में छह सदस्य न हों तो क्या आयुष्मान कार्ड नहीं बनेगा? - आफताब- लखीमपुर

ऐसा नहीं है। राशन कार्ड की जगह दूसरे दस्तावेज दे सकते हैं। जैसे आधार कार्ड के साथ श्रम कार्ड और अंत्योदय राशन कार्ड हो तो भी आयुष्मान कार्ड बन जाएगा। एक बार जिला अस्पताल जाकर आयुष्मान आरोग्य मित्र से विस्तृत जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा टोल फ्री नंबर से भी जानकारी मिल सकती है।

आयुष्मान योजना के तहत किन बीमारियों का इलाज मिलता है? - रामसेवक गुप्ता, हरदोई

आयुष्मान योजना के तहत लगभग 1700 बीमारियों का उपचार मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से कैंसर, किडनी, लिवर और हार्ट के मरीज शामिल हैं। वहीं, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसे संक्रामक रोग में मरीज को अप्रूवल की जरूरत नहीं होती है।

अस्पताल पहुंचते ही कार्ड की वैधता पता करने के बाद भर्ती कर इलाज शुरू करने की व्यवस्था है। सभी निजी अस्पतालों में भी आरोग्य मित्र तैनात हैं। अगर वहां मदद न मिले तो आप सीएमओ आफिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अस्पताल में कई बार मरीज को इलाज के लिए अप्रूवल लेने में छह-सात घंटे लग जाते हैं। ऐसे में उपचार प्रभावित होता है।

इसके लिए कुछ करने की जरूरत है। -विपिन शुक्ला, सीतापुर

सरकारी संस्थानों में गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। सिर्फ कार्ड की वैधता और लाभार्थी से जुड़ी जानकारी पता करना होता है लेकिन, सर्जरी कराने वालों या अन्य मरीजों को आइपीडी की फाइल और कार्ड उपलब्ध कराना पड़ता है। इसके बाद आरोग्य मित्र द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण और आनलाइन आवेदन किया जाता है। इस प्रक्रिया को अप्रूवल मिलने का निर्धारित समय 4-6 घंटे है। अगर निर्धारित समय में अप्रूवल न मिले तो आटो अप्रूवल की भी सुविधा होती है।

आयुष्मान कार्डधारक बनने के लिए जरूरी दस्तावेज

  1. आर्थिक, सामाजिक एवं जातिगत जनगणना-2011 के आधार पर चिह्नित परिवार
  2. मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत चिह्नित परिवार
  3. अंत्योदय राशन कार्डधारक
  4. श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों एवं पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक
  5. छह सदस्यों वाला राशन कार्ड या राशन कार्ड में अंकित सदस्यों की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो
  6. आधार कार्ड

खास बातें

  • लखनऊ में अब तक 3,07,998 लाख लाभार्थी परिवार के कुल 8,13,546 लाख को आयुष्मान कार्ड जारी किया जा चुका है
  • लखनऊ में कुल 310 निजी और सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं, यह संख्या प्रदेश में किसी जिले की सर्वाधिक है
  • 258 निजी अस्पताल और 52 चिकित्सा संस्थान व अस्पताल पैनल में शामिल हैं
  • जिले में सितंबर 2018 से अब तक 2,59,751 लाख मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा चुका है
  • लाज में अब तक तीन अरब 57 करोड़ 54 लाख रुपये से अधिक भुगतान किया जा चुका है। 
ये भी पढ़ें - 

Ayushman Card: रद्द होंगे आयुष्मान कार्ड! गरीबों के निवाले पर डाका डालने वालों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।