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Azam Khan: आजम खां की और बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जौहर यूनिवर्सिटी में 450 करोड़ की गड़बड़ी आई सामने

Azam khan news आयकर विभाग अपनी जांच में सामने आये तथ्यों की रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपी है। सूत्रों का कहना है कि जौहर यूनिवर्सिटी में काली कमाई के निवेश की आशंका को देखते हुए अब ईडी आगे की छानबीन करेगा। ईडी पूर्व से जौहर यूनिवर्सिटी समेत सपा नेता आजम खां के विरुद्ध कुल तीन मामलों की जांच कर रहा है।

By Alok MishraEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Mon, 18 Dec 2023 10:57 PM (IST)
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सपा नेता आजम खां की और बढ़ सकती हैं मुश्किलें।- फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में लगभग 450 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। सपा के राष्ट्रीय सचिव आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी में निवेश करने वालों की जो सूची आयकर विभाग को दी थी, उनमे कई रकम देने से मुकर भी गए। जौहर यूनिवर्सिटी में विभिन्न सरकारी विभागों ने भी 88 करोड़ रुपये के काम कराए जाने की बात भी सामने आई है।

आयकर विभाग अपनी जांच में सामने आये तथ्यों की रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपी है। सूत्रों का कहना है कि जौहर यूनिवर्सिटी में काली कमाई के निवेश की आशंका को देखते हुए अब ईडी आगे की छानबीन करेगा। ईडी पूर्व से जौहर यूनिवर्सिटी समेत सपा नेता आजम खां के विरुद्ध कुल तीन मामलों की जांच कर रहा है। इनमें जल निगम भर्ती घोटाला व किसानों की जमीनों की खरीद-फरोख्त के मामले भी शामिल हैं।

रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने जौहर यूनिवर्सिटी में गड़बड़ी के मामले को उठाया था। जिसके बाद मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के जरिए करोड़ों रुपये की धांधली की बात सामने आई थी। आयकर विभाग ने 13 सितंबर को रामपुर स्थित आजम खांं के आवास समेत उनके करीबियों के लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, सहारनपुर व गाजियाबाद के अलावा मध्य प्रदेश स्थित 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। 20 अक्टूबर को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी में बने भवनों की वास्तविक कीमत का आंकलन का काम शुरु किया था।

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सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी में बनी दो भवनों के निर्माण की ही मंजूरी ली थी, जबकि यूनिवर्सिटी में 59 भवनों का निर्माण हुआ था। आजम खां ने यूनिवर्सिटी की कीमत 46 करोड़ रुपये बताई थी, जबकि भवनों की वास्तविक कीमत 494 करोड़ रुपये आंकी गई।

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लगभग 450 करोड़ रुपये के निवेश को छिपाया गया। इसमें यूनिवर्सिटी के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि व अन्य चल संपत्तियां शामिल नहीं हैं। वहीं आयकर विभाग की जांच के दौरान आजम खां ने जाैहर ट्रस्ट कोे बड़ी रकम चंदे में मिलने की बात कही थी। उन्होंने चंदा देने वालों ने नामों की सूची भी दी थी। इनमें कई दानदाता आयकर विभाग के अधिकारियों के सामने चंदा देने की बात से मुकर गए। माना जा रहा है कि आजम खां ने सपा सरकार में मंत्री रहते हुए दबाव बनाकर बड़ा निवेश कराया था। ठेकेदारों से भी बड़ी रकम लगवाई गई थी।

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