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यूपी में अब मिलावट के साथ होगी बैक्टीरिया-फंगस की भी जांच, CM योगी के आदेश पर म‍िलावटखोरों के खि‍लाफ सख्‍त कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अभी हाल ही में बिजनौर में कुट्टू का आटा खाने के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार हो गए थे। अब आगे माइक्रोबायोलाजी जांच के माध्यम से सूक्ष्म से सूक्ष्म बैक्टीरिया फंगस व वायरस इत्यादि की जांच से यह पता चल सकेगा कि किन कारणों से संक्रमण फैला।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 18 Oct 2024 02:00 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ। - फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब खाद्य पदार्थों में मिलावट के साथ-साथ रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया व फंगस की भी जांच की जाएगी। किन कारणों से फूड प्वाइजिनिंग (खाद्य विषाक्तता) हुई इसका पता चल सकेगा। अभी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशालाओं में केमिकल जांच में इसका पता नहीं चलता। ऐसे में अब माइक्रोबायोलाजी जांच शुरू की जाएगी और उसके माध्यम से इसका पता लगाया जाएगा।

यह जांच अगले महीने से लखनऊ व मेरठ की प्रयोगशालाओं में शुरू की जाएगी। आगे वाराणसी में भी यह जांच शुरू होगी। अभी शुरुआत में डिब्बा बंद शिशु आहार, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों, जंक फूड और बोतल बंद पानी की जांच की जाएगी। आगे इसका दायरा बढ़ाया जाएगा।

सीएम योगी के आदेश पर म‍िलावटखोरों के खि‍लाफ सख्‍त कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अभी हाल ही में बिजनौर में कुट्टू का आटा खाने के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार हो गए थे। अब आगे माइक्रोबायोलाजी जांच के माध्यम से सूक्ष्म से सूक्ष्म बैक्टीरिया, फंगस व वायरस इत्यादि की जांच से यह पता चल सकेगा कि किन कारणों से संक्रमण फैला। अभी सिर्फ केमिकल टेस्ट होता है और उसमें यह सब पता नहीं चलता। सिर्फ मिलावट का ही पता चलता है।

डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों व बोतल बंद पानी के सैंपल लेने के लिए खाद्य निरीक्षकों को जल्द प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह माइक्रोबायोलाजी जांच के लिए सैंपल लेने में सावधानी बरती जानी है। डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ व जंक फूड का सेवन करने से लोगों की सेहत खराब होने की शिकायतें आए दिन आती हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम के तहत तय किए गए मानकों कई बार यह खरे नहीं पाए जाते। नमक व फैट की मात्रा मानक से अधिक पाए जाने की शिकायतें सामने आती हैं।

खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कस सकेगा शि‍कंजा

खाद्य पदार्थ खाने से किस बैक्टीरिया व फंगस के कारण संक्रमण हुआ इसका पता चलने से तत्काल उपचार कराना भी आसान होगा। खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर शिकंजा कस सकेगा।

थर्ड पार्टी करेगी खाने-पीने की दुकानों का फूड सेफ्टी ऑडिट

लखनऊ। नामचीन दुकान में रसगुल्ले की गुणवत्ता कैसी है या किसी रेस्तरां में खाना कितनी स्वच्छता से बनाया जा रहा है। प्रतिष्ठित नाम और ब्रांड वाले खाद्य कारोबारी मानकों का कितना पालन कर रहे हैं। इन सब बातों के उत्तर पाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अब तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) से फूड सेफ्टी ऑडिट करेगी। एफएसएसएआई द्वारा नामित एजेंसी दुकानों की गुणवत्ता का ऑडिट करेगी और गड़बड़ी मिली तो दुकानों की रेटिंग का नए सिरे से तय होगी। साथ ही कार्रवाई भी होगी।

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