Bahraich Violence: बहराइच हिंसा में पहली कार्रवाई, सीओ महसी पर गिरी गाज; अब तक 55 लोग गिरफ्तार
रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को सीओ महसी के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। रूपेंद्र गौड़ ने यात्रा में शामिल लोगों पर लाठियां चलवाई जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई थी। हिंसा में 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। छह नामजद आरोपितों के अलावा 1304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है।
जागरण टीम, लखनऊ। बहराइच जिले में महसी क्षेत्र के महराजगंज कस्बे में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा की घटना के चौथे दिन बुधवार को शासन ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को हटाने के बाद निलंबित कर दिया है। रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को सीओ महसी के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।
रूपेंद्र गौड़ ने यात्रा में शामिल लोगों पर लाठियां चलवाई, जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई थी। हिंसा में 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। छह नामजद आरोपितों के अलावा 1,304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि अब बहराइच में पूरी तरह से शांति है। पुलिस अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी बरते जाने का निर्देश दिया गया। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बहराइच से वापस आकर डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। माना जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध जल्द कार्रवाई हो सकती है। खासकर घटना के बाद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने व आपत्तिजनक संदेश प्रसारित करने वालों को चिह्नित कराया जा रहा है। ऐसे शरारती तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
षड्यंत्र के तहत हुई थी हिंसा!
महराजगंज में हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की थी। इसके लिए पहले से ही सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया था। लोगों को धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही यात्रा अब्दुल के घर के पास पहुंची तो तय योजना के अनुसार श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया और ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया। यह दावा है लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में भर्ती हिंसा में घायल सुधाकर तिवारी का। महसी निवासी सुधाकर का वीडियो एक्स पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह बता रहा है कि रविवार को जब जुलूस निकल रहा था, तब वह सड़क के किनारे खड़े थे। एक गली से मुस्लिम युवक लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर वहां पहुंचे और उन पर पीछे से हमला कर दिया।
आरोप है कि इस दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र गुस्से में अब्दुल की छत पर चढ़ गया और वहां लगे हरे झंडे को निकालकर भगवाध्वज फहराने लगा। इस बीच आरोपित उसे घर में घसीट ले गए और उसके साथ बर्बरता कर गोली मार दी। पूरी घटना पर गौर करें तो साफ है कि हिंसा भड़काने की साजिश पहले ही तैयार की गई थी, लेकिन खुफिया तंत्र इससे पूरी तरह बेखबर रहा, जिसका नतीजा रहा कि रामगोपाल की जान चली गई।
सुनियोजित थी रामगोपाल की हत्या!
हिंसा में जिस प्रकार से रेहुआ मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्र की बर्बरतापूर्वक पिटाई के बाद गोली मारी गई, उससे शंका व्यक्त की जा रही है कि सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या तो नहीं की गई? चर्चा है कि इस हत्याकांड में शामिल रेहुआ मंसूर गांव के ही दो मुस्लिम युवकों ननकऊ और मारूफ से रामगोपाल की पहले कहासुनी हुई थी। शायद यही रंजिश घटना का कारण बनी। थानाध्यक्ष कमल शंकर चतुर्वेदी का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है कि दोनों आरोपित किस योजना के तहत महराजगंज में विसर्जन के दिन आए थे। रामगोपाल की हत्या में नामजद आरोपितों में एक राजा उर्फ साहिर खान उर्फ दानिश को बुधवार देर शाम पुलिस ने दबोच लिया है। वहीं, रामगोपाल पर गोली चलाने वाले युवक का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें आरोपित बंदूक ताने खड़ा दिख रहा है। इस वीडियो की सत्यता की जांच में पुलिस जुटी है।
जनजीवन पटरी पर लौटने का इंतजार
अराजकता के चौथे दिन बुधवार को भी महराजगंज के मुख्य बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। प्रशासन की अपील के बाद भी लोग दुकान नहीं खोल रहे हैं। अधिकांश घरों के दरवाजे बंद हैं। घरों में महिलाएं ही हैं, पुरुष नदारद हैं। हिंसा के बाद से बंद की गई इंटरनेट सेवा अब भी बाधित है। ऐसे में सरकारी विभाग समेत व्यापारियों को भी लेने-देन को लेकर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि हिंसा पर काबू पा लिया गया है। अगले 24 घंटे जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर आ जाएगा। बाजारों को खोलवाकर कारोबार को सामान्य बनाया जाएगा। प्रशासन के प्रयास से लोग संतुष्ट हैं। दोषियों को जल्द चिह्नित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई हिंसा करने का दुस्साहस न कर सके। प्रभावित गांवों में सहायता सामग्री बांटी जा रही है।
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