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हेडफोन लगाए बीडीएस छात्र ने खिड़की से लगाई फांसी, खेलता था ऑनलाइन गेम, दोस्तों को गेम का गया था अलर्ट

इंदिरानगर के फरीदीनगर में हेडफोन लगाकर 23 वर्षीय बीडीएस छात्र दिव्यांश ने फांसी लगा ली। सोमवार सुबह खिड़की से बेल्ट के फंदे के सहारे लटका देख चीख-पुकार मच गई। दिव्यांश ऑनलाइन गेम खेलता था। रविवार रात 12 बजे कुछ दोस्तों को गेम का अलर्ट भी गया था। पुलिस आत्महत्या का कारण पता लगा रही है। मामा योगेश ने बताया कि दिव्यांश बीबीडी यूनिवर्सिटी से बीडीएस कर रहा था।

By ayushman pandey Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 30 Jan 2024 02:28 AM (IST)
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हेडफोन लगाए बीडीएस छात्र ने खिड़की से लगाई फांसी

जागरण संवाददाता, लखनऊ। इंदिरानगर के फरीदीनगर में हेडफोन लगाकर 23 वर्षीय बीडीएस छात्र दिव्यांश ने फांसी लगा ली। सोमवार सुबह खिड़की से बेल्ट के फंदे के सहारे लटका देख चीख-पुकार मच गई। दिव्यांश ऑनलाइन गेम खेलता था। रविवार रात 12 बजे कुछ दोस्तों को गेम का अलर्ट भी गया था। पुलिस आत्महत्या का कारण पता लगा रही है।

मामा योगेश ने बताया कि दिव्यांश बीबीडी यूनिवर्सिटी से बीडीएस कर रहा था। रविवार रात खाने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया। अगले दिन सुबह काफी देर तक न उठने पर दिव्यांश की मां अंजना सिंह ने कमरे का दरवाजा खोला तो खिड़की से बेल्ट के फंदे के सहारे लटका था। उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अंजना स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क हैं। 

पिता डा. कामता प्रसाद कुरील की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी है। इंस्पेक्टर इंदिरानगर के मुताबिक, आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। दोस्तों के मुताबिक, दिव्यांश के कान में लीड लगी हुई थी। रात 12 बजे उसके कुछ दोस्तों के पास गेम खेलने का अलर्ट भी गया था। वह ऑनलाइन गेम खेलता था।

मां से सुबह जगाने के लिए कहा था

अंजना ने बताया कि रविवार रात को वह खाना खाते समय खुश था। अपने कमरे में जाते वक्त दिव्यांश ने कहा था कि मां यूनिवर्सिटी जाना है, सुबह जगा देना। बेटे को जगाने गई तो वह फंदे से लटका हुआ था। उन्हें बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि बेटा ऐसा कदम उठा सकता है। 

शव घर पहुंचते ही मां हो गई बेसुध

पोस्टमार्टम के बाद दिव्यांश का शव घर पहुंचने पर मां अंजना बेसुध हो गई। कुछ देर बाद होश आने पर वह यही रट लगाए थीं कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले मां के बारे में भी नहीं सोचा कि क्या हाल होगा। अब किसके सहारे जिंदगी काटूंगी।

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