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यूपी में विधानसभा उपचुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, विजय बहादुर यादव सपा में हुए शामिल; अखिलेश ने दिलाई सदस्यता

यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। लखनऊ से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने कई साथियों के साथ समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है। इस दौरान सपा के लखनऊ कार्यालय में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद रहें। बता दें जिला पंचायत चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए थे अब फिर सपा में वापसी की है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 17 Jul 2024 04:02 PM (IST)
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सपा लखनऊ कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते अखिलेश यादव

जागरण टीम, लखनऊ। गांव की सरकार चलाने वाले जिला पंचायत की राजनीति में अगले कुछ दिनों तक सरगर्मी रहेगी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और गोसाईंगंज के वार्ड 24 के सदस्य विजय बहादुर यादव फिर से एक बार समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उनके साथ कई ग्राम प्रधानों ने भी सपा की सदस्यता ली।

बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यालय में विजय बहादुर यादव को पार्टी की सदस्यता दिलाई। विजय बहादुर यादव पिछले जिला पंचायत चुनाव के पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। पहली बार लखनऊ में भाजपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में विजय बहादुर यादव की अहम भूमिका थी।

बढ़ सकती हैं भाजपा की मुश्किलें

विजय बहादुर यादव के सपा में शामिल होने को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं, भाजपा की मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

वर्ष 2021 में हुए जिला पंचायत के चुनाव में 25 में से सबसे अधिक 11 सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं। इसके अलावा भाजपा ने तीन, बसपा ने पांच, चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ने एक और पांच सीटें निर्दलीयों ने जीतीं थीं।

वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 13 जिला पंचायत सदस्यों का बहुमत जरूरी था। सपा ने पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय लक्ष्मी को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार घोषित किया था। वहीं, भाजपा की ओर से आरती रावत प्रत्याशी बनीं थी। विजय बहादुर यादव की करीबी आरती रावत 13 सदस्यों का समर्थन पाकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थी।

सपा के दो सदस्यों ने की थी क्रॉस वोटिंग

क्रॉस वोटिंग में सपा के दो सदस्यों ने भाजपा को वोट किया था। विजय बहादुर यादव और उसके बाद उनकी पत्नी माया यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।

अखिलेश यादव की विजय बहादुर यादव से नाराजगी इस चुनाव के बाद और बढ़ गई थी। शिवपाल सिंह यादव के करीबी विजय बहादुर यादव ने पिछले दिनों दो बार अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।

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