Bhupendra Singh : मिशन 2024 में भूपेन्द्र सिंह के संगठनात्मक अनुभव का लाभ लेने के प्रयास में भाजपा
UP BJP President Bhupendra Singh प्रदेश सरकार में लगातार कैबिनेट मंत्री पद तो पश्चिमी यूपी के जाट वोटों पर उनके नियंत्रण के लिए एक उपहार था। जहां भाजपा ने लंबे समय से चले आ रहे किसान आंदोलन के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया था।
लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ने कर्मठ कार्यकर्ता से योगी आदित्यनाथ सरकार के दोनों कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री तक का सफर पूरा करने वाले भूपेन्द्र सिंह की क्षमता को देखते हुए उनको बड़ी जिम्मेदारी दी है। विधान परिषद सदस्य चौधरी भूपेन्द्र सिंह 2011 से 2018 तक पार्टी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे हैं और बीते दिनों किसानों के प्रदर्शन के बाद भी उनका जाट वोटों पर काफी प्रभाव दिखा।
प्रदेश सरकार में लगातार कैबिनेट मंत्री पद तो पश्चिमी यूपी के जाट वोटों पर उनके नियंत्रण के लिए एक उपहार था। जहां भाजपा ने लंबे समय से चले आ रहे किसान आंदोलन के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया था। गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले चौधरी के पास अच्छा संगठनात्मक अनुभव है। वह 2011-18 से पश्चिमी यूपी के प्रभारी रहे हैं। उन्हें संगठन का कुशल शिल्पी माना जाता है। वह तो कई बार मुश्किल हालात में पार्टी के लिए संकटमोचक बने। इसके एवज में पार्टी ने भी उन्हें हमेशा गुड बुक में रखा।
किसान परिवार में जन्मे और 12वीं तक शिक्षा लेने वाले चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने 1999 में लोकसभा के चुनाव में संभल से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। वह दूसरे स्थान पर थे।
पार्टी तथा सरकार की स्वीकार्यता
भूपेन्द्र चौधरी के नाम पर मुहर को पार्टी और सरकार दोनों को स्वीकार्यता माना जा रहा है। विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ भी वह दमदार तथा तार्किक ढंग से अपनी बात को रखते हैं। भाजपा को 365 दिन चुनावी मोड में रहने वाली पार्टी बताने वाले चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने तो मुरादाबाद में कह दिया था कि भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करती है तो फिर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को जनेऊ पहनने और राम-राम का जाप करने के लिए मजबूर किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सपा पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि उसके अडिय़ल रवैये की वजह से उसे चुनाव हारना पड़ा।
गांव, गरीब तथा ग्रामीण बच्चों पर फोकस
प्रदेश सरकार के मंत्री के रूप में भी उनका फोकस शहर की चकाचौंध से दूर गांवों के विकास पर ही है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों, सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच कर रहे हैं। वह तो बच्चों के साथ बातचीत करने में भी काफी प्रसन्न होते हैं और उनसे गणित का पहाड़ा के साथ कविताएं भी सुनकर उनको सराहते हैं।