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President Election: अखिलेश को बड़ा झटका, NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आए राजभर, शिवपाल और रघुराज

UP Politics राष्ट्रपति चुनाव ने यूपी में विपक्ष की गोलबंदी में बड़ी सेंध लगा दी। शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में दलीय सीमाएं उस समय टूटतीं नजर आईं जब एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पाले में विपक्षी दल भी खड़े दिखाई दिए।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 06:42 AM (IST)
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UP Politics: अखिलेश यादव को फिर बड़ा झटका।
President Election 2022: लखनऊ, जेएनएन। राष्ट्रपति चुनाव ने उत्तर प्रदेश में विपक्ष की गोलबंदी में बड़ी सेंध लगा दी है। विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को शुक्रवार को फिर बड़ा झटका लगा है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में आयोजित सीएम योगी आदित्यनाथ की डिनर पार्टी में शामिल होने पहुंच गए हैं। इनके अलावा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी पहुंचे हैं।

शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में दलीय सीमाएं उस समय टूटतीं नजर आईं जब एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पाले में विपक्षी दल भी खड़े दिखाई दिए। मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उनके सरकारी आवास पर आयोजित रात्रि भोज में सपा गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे उनके चाचा व सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह भी पहुंचे और राजग प्रत्याशी को समर्थन दिया। बसपा अध्यक्ष मायावती की ओर से पहले ही मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा के क्रम में बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने भी रात्रि भोज में शिरकत की।

राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा वोट मांगने गुरुवार को जब लखनऊ आए थे तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन के सहयोगी आरएलडी नेता जयंत चौधरी को तो बुलाया लेकिन सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर को नहीं बुलाया था। इस बात से राजभर नाराज हो गए थे। उन्होंने यहां तक कर दिया कि ऐसा लगता है कि अखिलेश को अब उनकी जरूरत नहीं है।

ओम प्रकाश राजभर ने पिछले एक-दो दिनों में इस बात के संकेत दे रहे थे कि सपा और सुभासपा का गठबंधन टूटने वाला है, लेकिन पहल वह नहीं करेंगे और अखिलेश को गठबंधन तोड़ने का मौका देंगे। उन्होंने कहा कि वह अखिलेश की तरफ से तलाक देने का इंतजार करेंगे और अपनी तरफ से गठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे। राजभर ने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव में वह क्या करेंगे, समय पर पता चल जाएगा।

वहीं प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव तो पहले से ही भतीजे अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी अलग-थलग रह रहे शिवपाल को अखिलेश ने गठबंधन के सहयोगी दल के नेता के तौर पर लिया। अखिलेश के लिए एक साथ शिवपाल और राजभर दोनों का झटका तगड़ा साबित होगा। दोनों नेताओं के भाजपा कैंप में जाने से यूपी की राजनीति पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है।

विपक्ष के 10 सांसदों और इतने ही विधायकों का समर्थन : विपक्षी एकता में जिस तरह शुक्रवार को सेंध लगती दिखी, उसके आधार पर राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को विपक्ष के नौ और विधायकों के वोट मिलना तय है। समाजवादी पार्टी के गठबंधन में शामिल ओम प्रकाश राजभर की अगुआई वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायक हैं। वहीं रघुराज प्रताप सिंह के नेतृत्व वाले जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो विधायक हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा विधायक हैं। बसपा पहले ही मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है। बसपा के 10 सांसद और एक विधायक हैं।

द्रौपदी मुर्मू ने मांगा समर्थन : राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी उम्मीदवारी के लिए उत्तर प्रदेश से समर्थन जुटाने के लिए द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार दोपहर बाद राजधानी लखनऊ पहुंचीं थीं। इस सिलसिले में शाम को लोक भवन में आयोजित भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसदों और विधायकों की बैठक में मुर्मू ने देश के सर्वोच्च सांविधानिक पद के लिए 18 जुलाई को होने वाले चुनाव में सभी दलों से अपने लिए समर्थन मांगा।

उत्तर प्रदेश से मिलेंगे सर्वाधिक वोट : इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने बैठक में सांसदों-विधायकों को मुर्मू का जीवन परिचय दिया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुर्मू को समर्थन देने के लिए उप्र में भी दलीय सीमाएं टूटती नजर आ रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुर्मू को सर्वाधिक वोट भी उत्तर प्रदेश से मिलेंगे।

शेखावत ने बताई राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बैठक में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया और मतदान के तरीके के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए भाजपा और सहयोगी दलों के सभी सांसद 16 जुलाई को दिल्ली और समस्त विधायक लखनऊ जरूर पहुंच जाएं। 17 जुलाई को उन्हें मतदान के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

समाज के अंतिम पायदान पर खड़ी बेटी का साथ दें : बैठक में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का चित्रण करते हुए मुर्मू ने कहा कि जनजातीय समाज में जन्म लेने वाली एक महिला आज आपके सामने समर्थन मांगने आई है। मैंने अभाव के बावजूद अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर उच्च शिक्षा प्राप्त की। कमजोर, वंचित तबके और जनजातीय समाज के लिए आजीवन कार्य किया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी का समर्थन मुझे मिलेगा। फिर भी यदि मुझे लेकर किसी के मन मे दुविधा है तो मैं कहना चाहूंगी की समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़ी इस बेटी के साथ आपका हाथ होता तो बहुत अच्छा होता। यह उत्तर प्रदेश की उत्कृष्ट परंपरा को दर्शाएगा।

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