Move to Jagran APP

Bihar Caste Survey: जातिवाद गणना के मुद्दे पर और मुखर होगी सपा, I.N.D.I.A. गठबंधन का मिल रहा समर्थन

मुस्लिम व यादव मतदाताओं में अपनी गहरी पैठ रखने वाली सपा दलित मतदाताओं को भी साधने में लगी है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उसने अपने संगठन में लोहिया वाहिनी की तर्ज पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर वाहिनी का गठन किया। भले ही सपा वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा से हार गई हो लेकिन उसने अपना 10 प्रतिशत वोट जरूर बढ़ा लिया था।

By Shobhit SrivastavaEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 04 Oct 2023 06:00 AM (IST)
Hero Image
जातिवार गणना के मुद्दे पर और मुखर होगी सपा (file photo)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को लेकर आगे बढ़ रही समाजवादी पार्टी को बिहार के जातिवार गणना के आंकड़ों से और बल मिल गया है। बिहार में कुल जनसंख्या का 63 प्रतिशत ओबीसी व 21 प्रतिशत एससी-एसटी हैं।

अब सपा पूरे देश में जातिवार गणना कराने के मुद्दे पर भाजपा को घेरेगी। उसकी इस मांग को समर्थन विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में उसके साथी कांग्रेस, रालोद के साथ ही एनडीए में शामिल अपना दल (एस), सुभासपा व निषाद पार्टी का भी मिल रहा है।

एनडीए व आइएनडीआइए दोनों ही गठबंधनों से दूरी बनाकर चल रही बसपा प्रमुख मायावती भी जातिवार जनगणना कराने की मांग कर रही हैं।

यूं तो सपा जातिवार गणना कराने की मांग पहले से करती आ रही है। सपा मुखिया व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव विधानसभा में भी गणना कराने के मुद्दे को उठा चुके हैं। सपा अपने 2022 के चुनावी घोषणा पत्र में भी जातिवार गणना कराने का वादा कर चुकी है।

बिहार के जातिवार गणना के आंकड़े सामने आने के बाद अखिलेश ने सोमवार को ही अपना एजेंडा साफ करते हुए कहा था कि ''''पीडीए'''' ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा। उनके रुख से साफ है कि पार्टी इस मसले पर आने वाले दिनों और मुखर होगी।

मुस्लिम व यादव मतदाताओं में अपनी गहरी पैठ रखने वाली सपा दलित मतदाताओं को भी साधने में लगी है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उसने अपने संगठन में लोहिया वाहिनी की तर्ज पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर वाहिनी का गठन किया।

यह भी पढ़ेंः Bihar Caste Survey Report आने के बाद बरसे PM, विपक्ष जाति के नाम पर समाज को बांटता रहा और आज भी यही पाप जारी

साथ ही उन्होंने ''''साफ्ट हिंदुत्व'''' के एजेंडे को भी आगे बढ़ाया। भले ही सपा वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा से हार गई हो लेकिन उसने अपना 10 प्रतिशत वोट जरूर बढ़ा लिया था। उसे 32.05 प्रतिशत वोटों के साथ 111 सीटें मिली थीं। वर्ष 2017 के चुनाव में उसे महज 21.82 प्रतिशत मतों के साथ 47 सीटें ही मिली थीं।

सपा ने 'पीडीए' का नारा दिया है

लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने 'पीडीए' का नारा दिया है। पिछले दिनों हुए घोसी उपचुनाव में 'पीडीए' अपनी पहली परीक्षा पास भी कर चुका है। सपा का मानना है कि बिहार में जिस तरह की जातिवार स्थिति है उसी तरह के हालात यूपी में भी है। इसलिए 'पीडीए' में यहां भी करीब 85 प्रतिशत आबादी आ जाएगी। अखिलेश इसे भाजपा के 80 बनाम 20 की काट के रूप में भी लेकर आए हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।