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Islamic Studies: भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह ने यूपीएससी में इस्लामिक स्टडीज को बताया अनुपयोगी

Islamic Studies in UPSC मूलत मैनपुरी के निवासी हरनाथ सिंह यादव का मानना है केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में इस्लामिक स्टडीज विषय गैर जरूरी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 28 Aug 2020 04:15 PM (IST)
Islamic Studies: भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह ने यूपीएससी में इस्लामिक स्टडीज को बताया अनुपयोगी
लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा के सदस्य हरनाथ सिंह यादव इस्लामिक स्टडीज विषय को देश की किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल करने के खिलाफ है। उनका सीधा मानना है कि इस्लामिक स्टडीज विषय भारत की संस्कृति से जरा भी मेल नहीं खाता है। अत: इसको किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल करना उचित नहीं है। इस विषय को पढ़कर अधिकारी बनने वाले के विचार भी भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता से इतर ही रहेंगे।

मूलत: मैनपुरी के निवासी हरनाथ सिंह यादव का मानना है केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में इस्लामिक स्टडीज विषय गैर जरूरी है। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षाओं से इस विषय को हटाने की मांग रखी है। आरएसएस के जिला प्रचार रहे हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि वह इस प्रकरण को शीघ्र ही राज्यसभा में भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टडीज विषय में इस्लाम के उदय से लेकर इसके प्रसार, विज्ञान, कला, वास्तुशास्त्र व दर्शन का भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा कला से कोई भी मेल नहीं है।

अत: इस विषय को ऐसी परीक्षा का हिस्सा नहीं होना चाहिए, जिससे देश के शीर्ष नौकरशाह व पुलिस अफसर चुने जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस्लामिक स्टडीज के यूपीएससी का हिस्सा होने पर कड़ी आपत्ति है। इस विषय का यूपीएससी में शामिल किया जाना भारतीय संस्कृति से मेल नहीं खाता है। हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि वह अब इस्लामिक स्टडीज का और अध्ययन करने के साथ संसद के अगले सत्र में इसके मुद्दे को उठाएंगे।

इससे पहले भी हरनाथ सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा जिन्ना को महापुरुष बताने पर कहा था कि स्वामी प्रसाद इस पर माफी मांगे या फिर उन्हेंं पार्टी से निकाला जाए। जिन्ना कभी भी महापुरुष नहीं थे। 

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