क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप
अधिवक्ताओं ने की शिकायत एसएसपी ने दिए जांच के निर्देश। जघन्य अपराध इकाई में कर रहे थे विवेचना।
लखनऊ, जेएनएन। खाकी पर लगातार लग रहे आरोपों के क्रम में शनिवार को क्राइम ब्रांच के एक इंस्पेक्टर पर संगीन आरोप लगे। जघन्य अपराध इकाई में तैनात इंस्पेक्टर दीपन यादव पर एक विवेचना में पीडि़त पक्ष से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक दो अधिवक्ता उनके पास शिकायत लेकर आए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीओ दुर्गेश कुमार को जांच सौपी गई है।
वजीरगंज निवासी पीडि़त काजी एस वसीम का आरोप है कि वर्ष 2016 में उन पर जानलेवा हमला हुआ था। इसकी एफआइआर सरोजनीनगर थाने में हुई थी। इसकी जांच एसआइएस में स्थानांतरित कराई गई थी। प्रकरण की विवचेना इंस्पेक्टर दीपन यादव कर रहे थे। आरोप है कि इंस्पेक्टर आरोपित पक्ष के संपर्क में आ गए थे और पीडि़त से तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की। इस पर पीडि़त ने दो लाख 75 हजार रुपये, कीमती घड़ी व अन्य सामान इंस्पेक्टर को दिए।
आरोप है कि इन सबके बावजूद इंस्पेक्टर ने आरोपितों से पांच लाख रुपये ले लिए और एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी। पीडि़त पक्ष ने जब इंस्पेक्टर से रुपये वापस करने की बात कही तो उन्होंने दो बार में चेक से 75 हजार रुपये व विदेशी घड़ी लौटा दिए। अधिवक्ता का कहना है कि इंस्पेक्टर शेष एक लाख 75 हजार रुपये वापस नहीं कर रहे हैं।
परेशान होकर पीडि़त पक्ष ने एसएसपी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद मामले की जांच के निर्देश दिए। एसएसपी ने बताया कि जांच में अगर इंस्पेक्टर पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो एफआइआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।