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UP Budget Session: विधान सभा में प्रयागराज हत्याकांड की गूंज, बसपा ने की घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग

प्रयागराज में अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर की हत्या का मामला सोमवार को विधान सभा में फिर उठा। बसपा ने मामला उठाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार इस हत्याकांड के दोषियों को छोड़ेगी नहीं।

By Rajeev DixitEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 28 Feb 2023 12:39 AM (IST)
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विधान सभा में फिर प्रयागराज हत्याकांड की गूंज

लखनऊ, राज्य ब्यूरो: प्रयागराज में अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर की हत्या का मामला सोमवार को विधान सभा में फिर उठा। बसपा ने मामला उठाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार इस हत्याकांड के दोषियों को छोड़ेगी नहीं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हत्याकांड में शामिल अपराधियों की धर-पकड़ के लिए पुलिस की 10 टीमें लगायी गई हैं। एसटीएफ भी हत्यारों की तलाश में जुटी है। इस मामले में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए राज्य सरकार की उन पर ईनाम घोषित करने की योजना हैै।

बसपा के उमाशंकर सिंह ने यह मामला उठाते हुए इस पर सदन में काम रोक कर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि बसपा किसी आपराधिक व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करती है। मुख्यमंत्री रहते मायावती ने बसपा के सांसद को अपने आवास पर बुलाकर गिरफ्तार कराया था। उन्होंने प्रयागराज की घटना की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही इस वारदात में मारे गए अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर की पत्नियों को पांच-पांच करोड़ रुपये की धनराशि के साथ सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग की।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में घटी यह घटना अत्यंत दुखद है। वर्ष 2005 में बसपा के विधायक रहे राजू पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल ने धूमनगंज थाना क्षेत्र में अतीक अहमद व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उमेश पाल इस मुकदमे के महत्वपूर्ण गवाह थे। वर्ष 2017 में उमेश पाल के अपहरण के संबंध में धूमनगंज थाने में अतीक अहमद व अन्य के विरुद्ध एक और मुकदमा दर्ज हुआ। 

हाई कोर्ट ने 16 जनवरी 2023 को इस मुकदमे का ट्रायल दो महीने में पूरा करने का आदेश दिया था। 17 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे का ट्रायल छह हफ्ते में पूरा करने का आदेश दिया था। इस मुकदमे में उमेश पाल व अन्य गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी थी। 

खन्ना ने कहा कि इस आधार पर निष्कर्ष यह है कि प्रयागराज में बीती 24 फरवरी को हुए हत्याकांड के तार उस पृष्ठभूमि से जरूर जुड़े हैं। इस घटना में घायल एक अन्य सुरक्षाकर्मी की स्थिति भी गंभीर है और वह राजधानी के एसजीपीजीआई में भर्ती है। विधान सभा अध्यक्ष ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

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