UP By-Polls Result 2022: आजमगढ़ में हार के बाद भी बसपा को दिखी जीत, मुस्लिम मतों में हिस्सेदारी से जागी उम्मीद
Lok Sabha By-Elections Result 2022 रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में से बसपा प्रमुख मायावती ने सिर्फ आजमगढ़ में प्रत्याशी उतारा। सपा के गढ़ रहे आजमगढ़ में बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया।
लखनऊ [राज्य बयूरो]। उत्तर प्रदेश में दो संसदीय सीटों में से सिर्फ आजमगढ़ उपचुनाव लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) परिणाम से काफी हद तक राहत महसूस करती नजर आ रही है। यादव बहुल आजमगढ़ सीट पर उपविजेता सपा से मात्र 37,879 कम वोट बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को मिले हैं। इसे कांटे की टक्कर बता रहीं पार्टी मुखिया मायावती को विश्वास है कि मुस्लिमों के पूरी तरह छिटक जाने का उनकी राह में जो 'कांटा' था, वह काफी हद तक निकल चुका है। हार में जीत देखते हुए उन्होंने खासकर समुदाय विशेष का समझाने का प्रयास जारी रखने की बात कही है।
रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में से बसपा प्रमुख मायावती ने सिर्फ आजमगढ़ में प्रत्याशी उतारा। रामपुर में जहां सिर्फ भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला था, वहीं सपा के गढ़ रहे आजमगढ़ में बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया। भाजपा के दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' के पीछे-पीछे कुछ वोटों के अंतर से सपा के धर्मेंद्र यादव अंतिम परिणाम घोषित होने तक चलते रहे तो धर्मेंद्र के पीछे-पीछे जमाली रहे।
चुनाव भाजपा जीती, लेकिन सपा और बसपा के बीच अंतर 37,879 वोटों का ही रहा। चूंकि, यहां यादव सबसे अधिक है, इसलिए बसपा मान रही है कि उसे दलित वोट के साथ मुस्लिम मत भी अच्छा-खासा मिला है। इस परिणाम से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हौसला मिल चुका है कि भाजपा को हराने के लिए अल्पसंख्यक वर्ग बसपा को विकल्प के रूप में चुन सकता है। बसपा की अब यही चुनावी रणनीति रहेगी, इसका संकेत मायावती ने अपने ट्वीट से दे दिया।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि उपचुनावों को सत्ताधारी दल ही अधिकतर जीतता है, फिर भी आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सत्ताधारी भाजपा व सपा के हथकंडों के बावजूद जो कांटे की टक्कर दी है, वह सराहनीय है। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि यूपी के इस उपचुनाव परिणाम ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि केवल बसपा में ही यहां भाजपा को हराने की सैद्धांतिक व जमीनी शक्ति है। यह बात पूरी तरह से खासकर समुदाय विशेष को समझाने का पार्टी का प्रयास लगातार जारी रहेगा, ताकि प्रदेश में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक परिवर्तन हो सके।
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