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Budget 2024: केंद्रीय बजट से यूपी की छोटी इकाइयों को बड़ी राहत, बिना गारंटी मिल सकेगा लोन

केंद्रीय वित्त मंत्री ने मंगलवार को बजट जारी किया जिसमें उत्तर प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर के लिए काफी उम्मीदों का संकलन दिखा। प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयों के लिए कर्ज लेना अब आसान होगा क्योंकि सरकार उनकी गारंटी लेगी। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि उन छोटी इकाइयों को लाभ मिलेगा जो अपरिहार्य कारणों से समय पर ऋण चुकता नहीं कर पा रही हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 24 Jul 2024 01:31 AM (IST)
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केंद्रीय बजट कुछ हद तक उम्मीदों से भरा हुआ दिखाई देता है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) सेक्टर के लिए केंद्रीय बजट कुछ हद तक उम्मीदों से भरा हुआ दिखाई देता है। प्रत्यक्ष रूप से सीधे कोई छूट (जीएसटी) न मिलने के बावजूद बजट में किए गए प्रावधान प्रदेश में छोटे व मझोले उद्योगों को न सिर्फ गति प्रदान करेंगे बल्कि रोजगार सृजन का भी बड़ा जरिया बन सकेंगे। 

प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयों के लिए कर्ज लेना अब आसान होगा क्योंकि सरकार उनकी गारंटी लेगी। देश की बड़ी कंपनियों में द्वारा अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की पहल से उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में नए उद्यम शुरू होने की उम्मीदों को और गति मिलेगी।

सरकार विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए लोन गारंटी योजना (क्रेडिट गारंटी स्कीम) लाने जा रही है, जिसमें 100 करोड़ रुपये तक के लिए गारंटी की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए एक स्व-वित्तपोषित गारंटी फंड स्थापित किया जाएगा। 

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान कहते हैं कि केंद्र सरकार की इस पहल से उन छोटी इकाइयों को लाभ मिलेगा जो अपरिहार्य कारणों से समय पर ऋण चुकता नहीं कर पा रही हैं और इससे उनके खातों को एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) होने से भी बचाया जा सकेगा। 

वर्तमान में, एमएसएमई इकाइयों को विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव उनकी आर्थिक स्थिरता पर भी पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पेश किया जाएगा, जो डिजिटल फुटप्रिंट्स के आधार पर ऋण की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाएगा। 

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण की सीमा बढ़ी

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है। यह सुविधा उन इकाइयों के लिए होगी जिन्होंने पूर्व में लिए गए ऋण को तय समय सीमा में चुकाया है। एमएसएमई क्लस्टर्स में अगले तीन वर्षों में सिडबी की 24 नई शाखाएं खोली जाएंगी, जिससे इकाइयों को ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी। 

वहीं, कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के यूपी इकाई के अध्यक्ष महेंद्र गोयल कहते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण के परिणामों को देखते हुए संभावना जताई जा रही थी कि सरकार एमएसएमई सेक्टर के लिए विशेष योजना लेकर आएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि 100 करोड़ रुपये तक क्रेडिट गारंटी बड़ा कदम है।

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