बुलंदशहर हिंसा : गोकशी के मामले में दो मासूमों के खिलाफ भी मामला दर्ज
बुलंदशहर में गोकशी के मामले में जिन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसमें दो बच्चे भी हैं। इन बच्चों की उम्र 11-12 वर्ष है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Wed, 05 Dec 2018 03:46 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। बुलंदशहर में गोकशी के मामले में हिंसा में इंस्पेक्टर के साथ एक युवक की मौत के बाद भी पुलिस सबक लेने को तैयार नहीं है। यहां पर गोकशी करने पर जिन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसमें दो बच्चे भी हैं। इन बच्चों की उम्र 11-12 वर्ष है। इनके साथ एक नाम ऐसा भी है, जो बीते दस वर्ष से अधिक समय से अपने गांव में रह नहीं रहा है।
बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के मामले में हिंसा में इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह के साथ ही एक युवक सुमित की मौत हो गई थी। इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी किरकिरी हो रही है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी बजरंग दल के योगेश राज ने गोकशी को लेकर जो मामला दर्ज कराया है, उसमें 11 व 12 वर्ष के दो बालकों का नाम भी है। कल उनको पुलिस ने थाना में करीब छह घंटा तक बैठाकर पूछताछ भी की थी। इंस्पेक्टर की हत्या में मुख्य आरोपी योगेश राज को पकडऩे में नाकाम पुलिस बच्चों से पूछताछ में काफी व्यस्त है। एक नाबालिग के पिता परेशान हैं। उनका कहना है कि नाबालिग उनका बेटा है और दूसरा उनका भतीजा है। पुलिस ने आज कई घंटों तक पिता को दोनों बच्चों के साथ थाने में बिठाए रखा।
बुलंदशहर जिले में एक गांव में कथित रूप से गौवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा फैल गई। हिंसा इतनी उग्र थी कि भीड़ ने एक पुलिस इंस्पेक्टर सहित दो लोगों की जान ले ली। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर योगेश राज नाम के शख्स ने गोकशी के मामले में करवाई है। दूसरी एफआईआर पुलिस की ओर से हिंसा और इंस्पेक्टर की मौत के मामले में दर्ज की गई है। इस एफआईआर में गोकशी की एफआईआर कराने वाले योगेश राज को ही मुख्य आरोपी बनाया गया है। योगेश राज अभी फरार है, उसे बजरंग दल का नेता बताया जा रहा है।
गोकशी मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर में सात लोगों को नामजद किया गया है। इन सात में से छह नाम फर्जी हैं। सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर लिखी गई है। सभी नयाबांस गांव के हैं। सात में से दो नाबालिग बच्चे हैं तो बाकि पांच नाम कौन हैं पुलिस को भी पता नहीं है। शराफत (जिनका नाम एफआईआर में है) पिछले दस साल से गांव में रहते ही नहीं। वह फरीदाबाद में रहते हैं और कई वर्ष से गांव भी नहीं आए। बाकी तीन नाम सुदैफ, इलियास और परवेज इस गांव के नहीं हैं। न तो इनका यहां घर और न ही जमीन। गांव वालों ने इनका नाम पहले नहीं सुना। सर्फुद्दीन थाने गए हैं वो गांव के ही हैं। योगेश राज ने इस मामले में जिनके नाम मामला दर्ज कराया है उसमें सात में से छह नाम फर्जी हैं।
जिन दो नाबालिग बच्चों का नाम यहां एफआईआर में लिखा गया है, उनकी उम्र 11-12 साल है। इनमें से एक के पिता ने कहा कि दोनों छोटे बच्चे हैं, वे गोकशी कैसे कर सकते हैं। जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन दोनों बच्चे बुलंदशहर में थे। कल पुलिस ने बच्चों को घंटों थाने में बैठाए रखा। जानबूझ कर माहौल खराब करने के लिए बच्चों को नाम डाला गया है। कुछ लोग जानबूझकर इलाके का माहौल खराब कर रहे हैं।
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