Move to Jagran APP

Lucknow: इनो रेल प्रदर्शनी में बुलेट ट्रेन के सपने को मिली रफ्तार, ड्रोन जल्द बनेगा रेलवे का हिस्सा

Railway News इनो रेल 2022 में नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन ने बुनी सपने की बुलेट ट्रेन की तस्वीर। एनएचएसआरसीएल ने नई दिल्ली से लखनऊ होकर वाराणसी तक बुलेट ट्रेन चलाने के प्रोजेक्ट की तैयारियों को भी साझा क‍िया।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 17 Nov 2022 08:46 PM (IST)
Lucknow: इनो रेल प्रदर्शनी में बुलेट ट्रेन के सपने को मिली रफ्तार, ड्रोन जल्द बनेगा रेलवे का हिस्सा
Eno Rail Exhibition: नक्सल प्रभावित ट्रेनों में रेल ट्रैक की रक्षा के साथ मैपिंग जैसे काम भी करेगा ड्रोन।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। अहमदाबाद से मुंबई के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। लखनऊ के लिए सपना बनी बुलेट ट्रेन को लेकर इनो रेल 2022 ने उम्मीदों के पंख दे दिए हैं। यहां नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लि. (एनएचएसआरसीएल) नई दिल्ली से लखनऊ होकर वाराणसी तक बुलेट ट्रेन चलाने के प्रोजेक्ट की तैयारियों को भी साझा कर रहा है। इतना ही नहीं ड्रोन जल्द ही रेलवे का हिस्सा बनेगा। यह ड्रोन नक्सल प्रभावित ट्रेनों में रेल ट्रैक की रक्षा के साथ मैपिंग जैसे काम भी करेगा।

भारतीय कंपनियों का दबदबा

इनो रेल 2022 में इस बार भारतीय कंपनियों का दबदबा है। यहां रेलवे से जुड़े उपकरण बनाने वाली कुल 125 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। एनएचएसआरसीएल के जनसंपर्क प्रबंधक निशंक भानु ने बताया कि अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड ट्रेन का 101 किमी. का सेक्शन तैयार है। अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड ट्रेन की गति 320 किमी. प्रति घंटा होगी। एनएचएसआरसीएल ने नई दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, मुंबई-हैदराबाद, नई दिल्ली-चंडीगढ़, वाराणसी- हावड़ा रूटों पर हाईस्पीड ट्रेनों का डीपीआर रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है।

समय से पहले तकनीक पकड़ेगी गड़बड़ी

इनो रेल में भारतीय कंपनी की वायरलेस डाटा कलेक्शन तकनीक रिमोट डायग्नोस्टिक एंड प्रीडिक्टिव मेंटनेंस सोल्यूशन (आरडीपीएमएस) का भी प्रस्तुतिकरण हुआ। कोच्चि की गैडजईआन कंपनी की इस तकनीक में तीन-तीन किलोमीटर सेक्शन पर लाइन किनारे लगे लोकेशन बाक्स में लगाया जाता है। प्वाइंट फेल, ट्रैक सर्किंट जैसी गड़बड़ी का पहले से पता लगाकर स्टेशन मास्टर के पास लगे गेटवे को यह भेजेगी। प्वाइंट फेल होने के कारण निगोहा में सन 2018 में हुए ट्रेन हादसे के बाद रेल संरक्षा आयुक्त ने डाटा लागर की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए थे।

ड्रोन से रेलवे ट्रैक की निगरानी

रेलवे में जल्द ही मैपिंग, सर्वे, सुरक्षा, सर्विलांस जैसे कामों में ड्रोन की मदद ली जाएगी। रेलवे की जरुरतों के अनुसार भारतीय कंपनी ओमनीप्रेजेंट रोबोट टेक्नोलोजी ने एक ड्रोन तकनीक विकसित की है। उत्तर मध्य रेलवे जल्द ही इस ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। कंपनी के सीईओ आकाश सिन्हा ने बताया कि नक्सल प्रभावित झारखंड और कश्मीर सहित कई सेक्शनों पर इस ड्रोन को तैनात करने की तैयारी है।

स्वदेशी हाईस्पीड ट्रेन भी पीछे नहीं

रफ्तार को लेकर चर्चा में आयी वंदे भारत एक्सप्रेस को बनाने के लिए अब मेधा सर्वो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को भी जिम्मा दिया गया है। मैनेजर मार्केटिंग जेपी शर्मा ने बताया कि पहले प्रोपल्जन व बोगी बनाने का काम ही था। अब पहले चरण में 44 रैक (ट्रेन सेट) बनाने का काम कंपनी को दिया गया है। पहले की अपेक्षा आने वाले समय में वंदे भारत की यात्रा और आरामदायक होगी। आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का उपयोग भी अधिक होगा।