Bundelkhand Expressway: बिजली भी पैदा करेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, 450 मेगावाट पावर के उत्पादन की तैयारी
Bundelkhand Expressway News- उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के पहले सोलर एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए शुक्रवार को होटल रेनेसा औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हितधारकों और सौर ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ संवाद किया और उन्हें राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर्यावरण संरक्षण के साथ बिजली भी पैदा करेगा। इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे 25 हजार से अधिक पौधे लगाने के साथ ही 1700 हेक्टेयर क्षेत्र में सोलर पार्क भी विकसित किया जाएगा। सोलर पार्क के जरिये 450 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन की तैयारी है।
पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर विकसित होने वाले सोलर पार्क के लिए निवेशकों को 25 वर्ष के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित की जाएगी।
सरकार इस सोलर प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि सरकार इस सोलर प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है और हम निवेशकों के हितों का पूरा ख्याल रखेंगे। सोलर पार्क के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ लीज पर उपलब्ध कराई जाने वाली भूमि पर सरकार के पक्ष को स्पष्ट करते हुए मंत्री ने कहा कि निवेशकों के हित में इस शर्त को भी हटाने पर विचार किया जाएगा।सोलर एक्सप्रेसवे पहला और अनोखा प्रयोग
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का सरकार का संकल्प है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हम हर रुकावट को दूर करेंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सोलर एक्सप्रेसवे पहला और अनोखा प्रयोग है। 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ सोलर पार्क विकसित करने का हमारा प्रयास है।
उन्होंने सुरक्षा को लेकर निवेशकों की आशंका को दूर करते हुए बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर थ्री लेयर सिक्योरिटी है। एक्सप्रेसवे के किनारे 1500 हेक्टेयर भूमि के दोनों ओर तारबंदी भी है।
सौर ऊर्जा नीति के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहन
यूपी पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने भी निवेशकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया और सौर ऊर्जा नीति के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों की जानकारी दी। ग्लोबल एनर्जी एलायंस फार पीपुल एंड प्लेनेट (जीईएपीपी) के सुमित कुमार ने एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर किए गए अध्ययन की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे की पूरी मैपिंग की जा चुकी है। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर 12-15 मीटर चौड़ाई में सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 2500 करोड़ रुपये आएगी। निवेशक अपनी लागत का आकलन कर पांच साल से लेकर 25 वर्ष के लिए पीपीए कर सकते हैं। प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की अवधि 18 माह रखी गई है। औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर ने कहा सरकार की निवेश नीतियों के तहत सभी रियायतें दी जाएंगी। यूपीडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने निवेशकों से प्रोजेक्ट की जानकारी साझा की। इस मौके पर विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सोलर पार्क पर अपनी प्रस्तुति भी दी।
कार्यक्रम में महाप्रीत, टाटा पावर, जीएमआर ग्रुप, एनटीपीसी, आदाणी सोलर एनर्जी, अट्रिया पावर,सात्विक ग्रीन, ओएमसी पावर, टोरेंट पावर, आरएवीसी सोल्यूशन, अवाडा ग्रुप, एचपीएम सोलर, नोवासिस ग्रीन और एसजेवीएन लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।यह भी पढ़ें: भीड़ से खचाखच भरे मेले में रोडवेज बस का ब्रेक फेल, डिवाइडर से टकराकर रुकी, क्रेन से सीधा किया तो फिर भागी
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