लखनऊ के चिनहट थाने में 32 वर्षीय कारोबारी मोहित पांडेय की हिरासत में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मोहित को बुरी तरह पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। मामले में पांच पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। विकासनगर पुलिस की हिरासत में युवक की मौत का मामला अबतक ठंडा भी नहीं हुआ था कि चिनहट थाने के लाकअप में 32 वर्षीय कारोबारी मोहित पांडेय की मौत हो गई। हिरासत में मौत होने से एक बार फिर राजधानी की पुलिस कठघरे में है।
वहीं, इस मामले में कारोबारी के भाई ने पुलिस पर बेहद संगीन आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि रात 10 बजे घर से उठाने के बाद मनीष की सुबह तक लाकअप में बर्बरता से पिटाई की गई। वह पानी के लिए तड़पता रहा मगर पुलिसवालों ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। उनकी आखों के सामने ही मोहित की तड़प-तड़पकर मौत हो गई।
लोगों के खिलाफ लोगों का आक्रोश
थाने में कारोबारी की मौत के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश है। नाराज लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि पुलिस वालों ने शव भी देखने नहीं दिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं पुलिस ने पिटाई के आरोपों से इन्कार किया है। पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में इंस्पेक्टर समेत पांच पर मुकदमा दर्ज हुआ है। हत्या समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं।
मोहित के साथ थाने में बंद उनके भाई शोभानाथ ने बताया कि वह लोग देवा रोड स्थित नई बस्ती जैनाबाद गांव में परिवार के साथ रहते हैं। घर में ही स्कूल ड्रेस बनाने का कारखाना खोल रखा है। शुक्रवार रात माल के आर्डर को लेकर आदेश नामक व्यक्ति से उनका विवाद हो गया था। इस पर आदेश ने डायल 112 पर सूचना दी। कुछ देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस मोहित और आदेश को थाने ले गई थी।
पुलिस पर पिटाई का आरोप
शोभानाथ ने बताया कि एक घंटे बाद भी जब मोहित वापस नहीं आए तो वह उनकी जानकारी करने थाने पहुंच गए। वहां पुलिस ने उन्हें भी लाकअप में बंद कर दिया और आदेश को छोड़ दिया। शोभानाथ का कहना है कि पुलिस ने उसके सामने ही मोहित को जमकर पीटा। उन्होंने कई बार रोकने का प्रयास किया लेकिन पुलिस भाई को लगातार पीटती रही। पिटाई से रात में मोहित की तबीयत खराब हो गई।
हवालात का दरवाजा खोलने के लिए कहा तो पुलिसवाले गाली देने लगे। गंदगी के कारण बैठना मुश्किल था तभी मोहित के पेट में दर्द होने लगा। वह मदद के लिए चीखते रहे लेकिन दरवाजा नहीं खोला गया। इस मामले में एडीसीपी पूर्वी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि आदेश से विवाद के बाद मोहित को गिरफ्तार किया गया था। तबियत बिगड़ने पर उसे अस्पताल पहुंचाया जहां मौत हो गई।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है जो भी रिपोर्ट में आएगा स्पष्ट हो जाएगा। शोभाराम का कहना है कि मोहित की हवालात में ही मौत हो गई थी। पुलिस वाले अपराध छिपाने के लिए मोहित को लेकर लोहिया अस्पताल गए थे।
वहीं, डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि आदेश रात को नहीं छोड़ा गया था। उसका भी सुबह धारा 151 में चालान किया गया था।
इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की मांग
मोहित की मौत के बाद लोहिया अस्पताल पहुंचे परिवारीजन आक्रोशित हो गए और सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग करते हुए जाम हटाया। लोग पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
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