डीजीपी ओपी सिंह ने की PFI पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश, केशव मौर्य ने कहा- लगे प्रतिबंध
CAA Protest in UP उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 31 Dec 2019 12:31 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सक्रिय हाथ होने के बाद अब इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ओपी सिंह ने केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। उधर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश को हिंसा की आग में जलाने वाले संगठन पर शीघ्र ही प्रतिबंध लगना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजी ओपी सिंह ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। प्रदेश भर में हिंसा में पीएफआई के शामिल होने के सबूतों के बाद डीजीपी मुख्यालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश गृह विभाग को भेजा है। ओपी सिंह ने कहा कि पीएफआई से जुड़े लोगों के पास आपत्तिजनक सामग्री मिली है। ओपी सिंह की यह सिफारिश उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग को मिल गई है। अब गृह विभाग इस सिफारिश को आगे केंद्र सरकार के पास भेजेगा।
डीजीपी मुख्यालय ने अपनी सिफारिश में पीएफआई के बारे में लिखा है कि इसमें इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया यानि सिमी के ज्यादातर सदस्य जुड़ गए हैं। संगठनों के लोगों के पास से पूरे राज्य में आपत्तिजनक साहित्य और सामग्री बरामद की गई है। यूपी की हिंसा में पकड़े गए कई लोगों के संबंध पीएफआई से निकले हैं। इस हिंसा के दौरान पीएफआई के कई सदस्य पकड़े गए। यह लोग हिंसा में शामिल होने के साथ हिंसा फैलाने वालों की मदद कर रहे थे। लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों की पहचान पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस बात का दावा भी किया था कि लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार (19 दिसंबर) को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है। सीएए पर देश में भड़की हिंसा में कई जगहों पर इस संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे। इससे से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बैठक की थी।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा-पीएफआई पर लगे प्रतिबंधउत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ था। स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के लोग ही पीएफआई में हैं। इन सभी लोगों ने उत्तर प्रदेश में हिंसा फैलाई है। प्रदेश सरकार की तरफ से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और सरकार की ओर से प्रस्ताव लाकर इसे प्रतिबंधित किया जाएगा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ था। सिमी के लोगों ने ही इस संगठन में शामिल होकर हिंसा फैलाई।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पीएफआई नाम रखकर सिमी ने नया अवतार धारण किया। सूबे में हुए बवाल और हिंसा के पीछे पीएफआई का ही हाथ था। जांच में बात सामने भी आ रही है। उन्होंने इस दौरान कड़े शब्दों में कहा कि सिमी किसी भी रूप में प्रकट होगा तो उसे कुचल दिया जाएगा। इस प्रदेश में किसी भी प्रकार का देशद्रोही आचरण बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसे प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर कम चल रहा रहा है जल्द ही इसे प्रतिबंधित किया जाएगा।
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